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जनता को आज भी याद है वो दहशत के दिन…नामांकन दाखिल के बाद बोले शैलेष…कोरोना काल में कहां थे…प्यार दिखाने वाले

बिलासपुर— गुरूवार को दिग्गजों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद नेताओं ने विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। इसी क्रम में नगर विधायक ने भी तीर छोड़ा। उन्होने कहा कि आज जनता से प्यार दिखाने वाले कहां थे…जब जनता अपने आप को अकेला महसूस कर रही थी। जब जनता को सहारे की जरूरत थी…उस समय भाजपा अपने अपने घर में मुंह छिपाकर बैठे थे। आज दुहाई दे रहे हैं किशहर को अपराध से मुक्त करूंगा। मतलब एक बार फिर भाजपा नेताओं ने भय की राजनीति करना शुरू कर दिया है। इसलिए जनता पूरी तरह से सतर्क है। बिलासपुर को ना तो खोदापुर बनने का अवसर देने को तैयार है…और ना ही स्वार्थ की राजनीति करने वालों को माफी देने का मन ही बनाया है।

नामांकन दाखिल करने के बाद नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि एक बार फिर सेवा और स्वार्थ की जंग होने वाली है। जतना को अच्छी तरह पता है कि पिछले पन्द्रह सालों में बिलासपुर को हासिल नहीं हुआ…वह सब मात्र पांच साल में ही मिल गया है। अरपा पर बैराज का तोहफा हो या फिर शहर के विस्तार की बात हो…प्रदेश सरकार के मुखिया भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व मे बिलासपुर का तेजी से विकास हुआ है। सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने सबसे पहले शर्मसार करने वाली शहर की खोदापुर की छवि को मिटाया है। निगम सीमा का विस्तार किया है।

बिना नाम लिए तीर छोड़ते हुए शैळेष ने कहा कि कोरोना काल में जनताको अपने और परायों को समझने का मौका मिला। जब भाजपा के दिग्गज घर में दुबके थे..तब कांग्रेस के कार्यकर्ता और खुद शहर के किसी गरीब परिवार के चूल्हे की आग को ठण्डा नहीं होने दिया। गरीबों के बच्चों के लिए भूपेश सरकार ने प्रदेश में सबसे ज्यादा 14 आत्मानन्द स्कूल का तोहफा बिलासपुर को ही दिया है। आज गरीब के बच्चे अंग्रेजी में शिक्षा ग्रहण कर मां बाप के सपनों को साकार करने की दिशा में बढ़ रहे है।

आत्मानन्द स्कूल खुलने से गरीबों के करोड़ों करोड़ रूपए की बचत हो रही है। इन पैसों से गरीब परिवार का तेजी से विकास हो रहा है। एक बार फिर जनता आशीर्वाद देगी। क्योंकि जनता को पता है कि हम मुंगेरीलाल के सपने नहीं परोसते है। बल्कि जो कहते हैं कर के दिखाते भी हैं।

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