प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से परंपरागत कुरीतियों को तोड़ने और राष्ट्र निर्माण के लिए मानवीयता के साथ शिकायतों का निवारण करने का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली लोकतंत्र की सच्ची ताकत होती है।
शनिवार को मंत्रालय के अधिकारियों के लिए आयोजित चिंतन शिविर में उन्होंने कहा कि वे टीम वर्क बढ़ाएं, पदानुक्रम से ऊपर उठें और मानवीयता के साथ शिकायतों का निवारण करें। पीएम ने शनिवार को इन अधिकारियों को संबोधित किया। रविवार को सरकार द्वारा इसके कुछ विवरण सार्वजनिक किए गए। मोदी ने राष्ट्र के सामूहिक कल्याण के लिए एक मजबूत लोकतंत्र बनाने के लिए समय पर शिकायत निवारण के महत्व पर जोर दिया।
उधर, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सिविल सेवकों से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। मालदीव और जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने त्वरित और समावेशी विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने नागरिकों के जीवन को बदलने में प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी बल दिया।
बता दें कि श्रृंगला भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक भी हैं। उन्होंने अधिकारियों से लोगों की जरूरतों और अपेक्षाओं को पूरा करने, क्षेत्र और देशों के समग्र विकास के लिए काम करने के लिए एक वैचारिक ढांचा तैयार करने को भी कहा। उन्होंने साझेदारी बनाकर देशों के बीच संबंध बनाने और एक सक्षम वातावरण बनाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम में मालदीव के 25 और जम्मू और कश्मीर के 38 सिविल सेवकों ने भाग लिया। इस तरह के आयोजन भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) के तहत कराए जाते हैं। अपने मुख्य भाषण में एनसीजीजी के महानिदेशक भरत लाल ने विभिन्न विकासशील देशों के सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए विदेश मंत्रालय और एनसीजीजी के बीच सार्थक सहयोग पर प्रकाश डाला।
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