लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजस्व वादों के निस्तारण में देर होना या ‘तारीख पर तारीख’ देने का रवैये पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राजस्व वादों में ‘तारीख पर तारीख’ की प्रवृत्ति कतई स्वीकार नहीं की जा जाएगी. ऐसा करने वाले लेखपाल, राजस्व निरीक्षक आदि राजस्व कर्मियों के विरुद्ध तो कार्रवाई होगी ही. आवश्यकतानुसार मंडलायुक्त और जिलाधिकारी की भी जवाबदेही तय होगी. देश में न्यायिक सुधारों की बात क्यों नहीं होती है. बात जब “सबके लिए न्याय” की होती है तब आखिर इसे सर्वसुलभ बनाने के लिए पीछे आने वाली अड़चने कभी किसी चुनाव या घोषणापत्र का हिस्सा क्यों नहीं बनती? हर सरकारी प्रशासनिक तंत्र और प्राधिकरणों से हारा हुआ व्यक्ति अगर किसी से न्याय की उम्मीद करता है तो वह न्यायालय है।,
बता दें कि सीएम योगी ने राजस्व वादों के निस्तारण में देर होने पर कड़े आदेश दिए हैं. आखिर राज्य में न्यायिक सुधारों की बात क्यों नहीं होती है. बात जब “सबके न्याय” की होती है, तो आखिर इसे सर्वसुलभ बनाने के लिए पीछे आने वाली अड़चने कभी किसी चुनाव या घोषणापत्र का हिस्सा क्यों नहीं बनती? हर सरकारी प्रशासनिक तंत्र और प्राधिकरणों से हारा हुआ व्यक्ति अगर किसी से न्याय की उम्मीद करता है तो वह न्यायालय है।
लेकिन वह न्याय पाने या ग्रहण कर पाने में सक्षम ‘नहीं’हो पाता है. एक क्षण के लिए अगर ये मान भी लें कि वह अमुक मुद्दे को लेकर जिसपर उसे न्याय की दरकार थी. यदि अपनी न्यायिक लड़ाई में सफल हो भी जाता है, तो वह निश्चित तौर पर समाज के आर्थिक रूप से सक्षम तबके या अपर क्लास से ताल्लुक रखता होगा. क्योंकि न्याय पाने में समाज का अपर क्लास या आर्थिक रूप से मजबूत व्यक्ति ही सक्षम हो पाता है. मिडिल क्लास या लोअर मिडिल क्लास , का व्यक्ति कभी न्याय पा ही नहीं सकता।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े आदेश पर राजस्व वाद लेखपाल, राजस्व निरीक्षक आदि राजस्व कर्मियों आदेश को अम्ल में लाना होगा।
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