Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
जो चीज जहां मिली, उसी से संगीत बना दिया

मुबंई। डेस्कः महान संगीतकार राहुल देव बर्मन यानी पंचम दा का 27 जून को जन्मदिन मनाया गया. पंचम दा ने 60 से 90 के दशक में कई सुपरहिट गीतों को अपने संगीत में पिरोया, जिन्हें लोग आज भी बेहद पसंद करते हैं.

पंचम दा का जन्म 27 जून 1939 को कोलकाता के शाही परिवार में हुआ था. पिता सचिन देव बर्मन संगीतकार थे तो माता मीरा देवी बर्मन गीतकार थीं. बचपन से ही पंचम दा को घर में संगीत का माहौल मिला.

संगीत में विशेष रूचि के चलते पंचम दा ने 9 साल की छोटी उम्र में ही अपना पहला गाना लिख दिया. गीत के बोल थे “ऐ मेरी टोपी पलट के आ.” इस गीत को पिता सचिन देव बर्मन ने 1956 में आई अपनी फिल्म “फंटूश” में इस्तेमाल किया था.

आरडी बर्मन को हर चीज में संगीत दिखाई देता था. उन्हें जो चीज जहां मिलती, उसी से संगीत तैयार करने लग जाते.

सुरों के साथ एक्सपेरिमेंट करना उन्हें बहुत पसंद था. उन्होंने बोतलें, लकड़ी, कप-प्लेट, कंधी, कांच, गत्ते, लकड़ी के बाक्स आदि का उपयोग कर संगीत बनाया.

कैसे पड़ा पंचम नाम

आरडी बर्मन का नाम पंचम दा कैसे पड़ा, इसके पीछे दो कहानियां हैं.

आरडी के पिताजी से मिलने अभिनेता अशोक कुमार हमेशा उनके घर आते रहते थे. आरडी उस समय छोटे थे.

एक दिन आरडी अशोक कुमार को संगीत के पांच सुर यानी सा.रे.गा.मा.पा. सुनाने लगे, लेकिन पांचवें सुर “पा” को कई बार दोहरा रहे थे. उसी समय अशोक कुमार ने उनका नाम पंचम रख दिया.

दूसरी कहानी ये है कि पंचम दा बचपन में रोते थे तो माता-पिता को उसकी आवाज सुर जैसी लगती थी. पिता को “पा” जैसी धुन सुनाई देती थी, जिसके कारण उनका नाम पंचम पड़ गया.

331 फिल्मों में दिया म्यूजिक

पंचम दा ने 60 से 90 के दशक में बॉलीवुड की कई सुपरहिट फिल्मों में अपना संगीत दिया. उस दौर में पंचम दा के ही गाने बजते थे.

उन्होंने कुल 331 फिल्मों में अपना संगीत दिया है. इनमें से कुछ सुपरहिट गीत तो ऐसे हैं, जिन्हें लोग आज भी गुनगुनाते हैं.

इन गीतों में जैसे ‘’पन्ना की तमन्ना’’, ‘’ओ मेरे दिल के चैन’’, ‘’हमसे तुमसे प्यार कितना’’, ‘’तुम आ गए हो नूर आ गय़ा है’’, ‘’आने वाला पल जाने वाला है’’, ‘’बड़े अच्छे लगते हैं’’ जैसे कई सुपरहिट गाने हैं जो आज भी सदाबहार और कर्णप्रिय हैं.

पंचम दा के लिए साल 1972 बहुत अच्छा बीता. उस साल उनके कई गाने सुपरहिट हुए.

दो शादियां, दोनों असफल

पंचम दा ने दो शादियां की थी, लेकिन दोनों असफल रहीं. पहली शादी रीता पटेल से हुई थी. रीता, आरडी बर्मन की प्रशंसक थीं. 1966 में दोनों ने शादी कर ली, पर यह शादी ज्यादा दिन चली नहीं और 1971 में तलाक हो गया.

इसके बाद पंचम दा की मुलाकात गायिका आशा भोसले से हुई. दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया. इस बीच पंचम दा आशा भोसले को दिल दे बैठे और उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया, लेकिन पंचम दा की मां ने इंकार कर दिया.

आशा भोसले पंचम दा से 6 साल बड़ी थीं. काफी दिन इंतजार के बाद दोनों ने 1980 में शादी कर ली, लेकिन यह शादी भी ज्यादा दिन नहीं चली और दोनों अलग हो गए.

हालांकि तब भी दोनों एक-दूसरे की काफी इज्जत करते थे और नियमित रूप से मिलते-जुलते भी रहते थे.

4 जनवरी 1994 को महज 54 साल की उम्र में पंचम दा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. मगर उनकी मृत्यु के इतने वर्षों बाद भी उनके गीत नए गायकों और संगीतकारों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं.

The post जो चीज जहां मिली, उसी से संगीत बना दिया appeared first on छत्तीसगढ़ खबर : खबर दुनिया भर.

https://cgkhabar.com/i-made-music-with-whatever-i-found-20240628/