नई दिल्ली। जुलाई 31, 2024। विश्व हिंदू परिषद ने आज कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धर्मांतरण के विरुद्ध 2019 में बनाए गए कानून को और कठोर बनाया जाना एक स्वागत योग्य कदम है। विहिप के केन्द्रीय संगठन महामंत्री श्री मिलिंद परांडे ने एक वक्तव्य के माध्यम से कहा है कि कानून बनने के बाद भी लव जिहाद व अवैध धर्मान्तरण की घटनाएं, सख्त शासन के बाबजूद रुकने का नाम नहीं ले रही थीं।
ऐसे में पूज्य योगी आदित्यनाथ जी की सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 के विधानसभा में पारित होते ही अब आशा की जा सकती है कि जो संगठित अपराधी हैं न सिर्फ वे, अपितु, शेष जिहादी व मिशनरी भी अपने कुकृत्यों से डरेंगे।
उन्होंने कहा कि विधेयक में शिकायत कर्ताओं का दायरा, आजीवन कारावास की सजा, दंड की राशि को बढ़ाया जाना तथा अवयस्क और दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षार्थ विशेष व्यवस्था सराहनीय हैं। ऐसे कठोर प्रावधान, निसंदेह, उन अपराधी वृत्ति के लोगों के मन में डर पैदा करके भगवान श्री राम, योगेश्वर श्रीकृष्ण व भोले बाबा की इस पुण्य धरा को धर्मांतरण द्वारा राष्ट्रांतरण के दिवास्वप्न देखने वालों के चंगुल से मुक्ति दिलाने में एक मील का पत्थर साबित होंगे। यूपी सरकार ने ना सिर्फ 2019 में यह कानून बनाया अपितु गत 5 वर्षों में उसका कठोरता से पालन भी सुनिश्चित करवाया। इसके लिए योगी सरकार को साधुवाद।
श्री परांडे ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि स्वाधीनता के अमृत महोत्सव तक भी भारत के मात्र 10-11 राज्य ही धर्मांतरण विरोधी कानून ला पाए। उनमें भी इतनी कठोर सजा का प्रावधान, संभवतया उत्तर प्रदेश के इस कानून में ही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शेष राज्य सरकारें भी इस बारे में त्वरित पहल कर, अपने अपने राज्यों को अवैध धर्मान्तरण के अभिशाप से मुक्ति दिलाएंगे। जिन राज्यों में अभी इस बारे में कोई कानून नहीं है, उनको भी शीघ्रता शीघ्र एक कठोर दंड विधान के साथ यह पारित करने चाहिए और जिन कानूनो की स्थिति लचर है, वहां उन्हें और कठोर बनाए जाने के साथ उनका पूर्ण मनोयोग से पालन किया जाना भी बहुत जरूरी है।
विश्व हिंदू परिषद आशा करती है कि इस कानून का अन्य राज्य सरकारें भी अनुसरण करेगी जिससे जो लोग लालच, प्रपंच, धोखे या बलपूर्वक धर्मांतरण, लव जिहाद और नारी शक्ति के चीर हरण कर टुकड़े टुकड़े करने में जुटे हैं वे अपनी इन नापाक हरकतों से बाज आ सकें। साथ ही समाज को भी इन मामलों में सजग रहकर समय पर उचित कार्यवाही के लिए शासन प्रशासन का सहयोगी बन, अपराधियों को कठोर सजा दिलाए जाने के लिए आगे आना होगा।