जहांगीरपुरी बी-ब्लाक से दो आतंकियों- जगजीत सिंह उर्फ जग्गा और नौशाद अली की गिरफ्तारी से इस इलाके की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस फिर कठघरे में है। पिछले वर्ष 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर जहांगीरपुरी के बी-ब्लाक से ही दंगे की शुरुआत हुई थी।
भक्तों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर बी-ब्लाक में अचानक पथराव और फायरिंग शुरू कर दी गई थी। दंगाइयों ने हमले की पहले से तैयारी कर रखी थी। उस घटना के बाद इलाके पर जिला पुलिस के अलावा स्पेशल ब्रांच, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच द्वारा पैनी नजर रखने के दावे किए गए थे, लेकिन 12 जनवरी को वहां से दो आतंकियों के पकड़े जाने से पुलिस के दावे हवा-हवाई साबित हुए।
सवाल यह है कि जहांगीरपुरी में हिंसा की घटना होने के बाद पुलिस को यह पता कैसे नहीं लगा कि नौशाद साथी जगजीत सिंह के साथ देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा है? देश की सबसे स्मार्ट कही जाने वाली दिल्ली पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दोनों आतंकी लंबे समय से देशविरोधी साजिश रच रहे थे।
पाकिस्तान और कनाडा में छिपे आतंकियों से दोनों की वाट्सएप पर लगातार बातें हो रही थीं, लेकिन पुलिस को इसकी भी भनक तक नहीं लगी। बता दें कि पिछले वर्ष हुई हिंसा के दौरान भी जिला पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई थी। जिस समय हिंसा हुई, उस दौरान जिले की डीसीपी थानाध्यक्षों की मीटिंग ले रही थीं। जिला पुलिस ने पहले से इलाके में सुरक्षा बंदोबस्त नहीं किया था।
अचानक दंगे की काल मिलने पर थानाध्यक्षों को मौके पर भेजा गया था, लेकिन तब तक सबकुछ खत्म हो गया था। उस घटना के बाद भी पुलिस नहीं चेती। यही वजह रही कि भलस्वा डेरी में किराये पर कमरा लेकर वहां एक शख्स की हत्या करने के बाद दोनों आतंकी जहांगीरपुरी में रहकर दूसरी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे।
राजधानी में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जहांगीरपुरी से दो आतंकियों को पकड़ने में भले ही कामयाबी मिली हो, लेकिन वर्ष 2021 और 2022 में हुई तीन घटनाओं को सेल अबतक नहीं सुलझा पाई है। l 29 जनवरी, 2021 को नई दिल्ली इलाके में स्थित इजरायली दूतावास के बाहर धमाका हुआ था। जांच पहले स्पेशल सेल ने की, पर सुराग नहीं लगा पाई।
काफी तफ्तीश के बाद एक सीसीटीवी फुटेज मिला जिसमें दो संदिग्ध दिखे थे, पर उन्हें भी सेल गिरफ्तार नहीं कर पाई। उसके बाद जांच एनआइए को सौंप दी गई। l 14 जनवरी, 2022 को गाजीपुर फूल मंडी के गेट के बाहर एक बैग में तीन किलो आरडीएक्स मिला था। सेल इस केस को भी नहीं सुलझा पाई है। l 17 फरवरी, 2022 को सीमापुरी इलाके में एक घर से बैग में दो किलो आरडीएक्स मिला था। उस केस को भी सेल अबतक नहीं सुलझा पाई है।
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