वाशिंगटन। अमेरिका की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान उन्हें जहर मिला हुआ पत्र भेजने के मामले में एक कनाडाई महिला को 22 साल जेल की सजा सुनाई है।बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जिला न्यायाधीश डाबनी फ्रेडरिक ने 56 वर्षीय पास्केल फेरियर को 22 साल के जेल की सजा सुनाई।
सजा पूरी करने के बाद उसे अमेरिका से निर्वासित कर दिया जाएगा और अगर वह कभी वापस लौटी, तो उसे जीवन भर निगरानी का सामना करना पड़ेगा।न्यायाधीश फ्रेडरिक ने फ़ेरियर से कहा कि उसकी हरकतें घातक और समाज के लिए हानिकारक थीं।
फ़्रांस और कनाडा की दोहरी नागरिक फ़ेरियर ने अदालत से कहा कि उसे खेद है कि उसकी योजना विफल हो गई। उसने यह भी कहा कि वह खुद को एक कार्यकर्ता के रूप में देखती हैं, आतंकवादी के रूप में नहीं।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई को ट्रंप को लिखे पत्र पर उनकी उंगलियों के निशान मिले। पत्र में उनसे राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने का आग्रह किया गया था।फ़ेरियर ने टेक्सास के आठ कानून प्रवर्तन अधिकारियों से इसी तरह के पत्र भेजने की बात स्वीकार की।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, 2019 में, उन्हें गैरकानूनी रूप से हथियार ले जाने और बिना वैध लाइसेंस के गाड़ी चलाने के लिए राज्य में लगभग 10 सप्ताह तक हिरासत में रखा गया था और उन्होंने उस हिरासत के लिए उन अधिकारियों को दोषी ठहराया था।
फ़ेरियर को सितंबर 2020 में बफ़ेलो, न्यूयॉर्क में सीमा पार करते हुए गिरफ्तार किया गया था। वह एक बंदूक, चाकू और गोला-बारूद ले जा रही थी।बाद में उसने स्वीकार किया कि उसने अपने क्यूबेक स्थित घर में रिसिन – अरंडी की फलियों के प्रसंस्करण से बचे अपशिष्ट पदार्थ से जहर बनाया था और इसे पत्र के साथ एक लिफाफे में रखा था।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में जैविक हथियार के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद वह सजा पर सहमत हो गई थी।गौरतलब है कि 2014 में, तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और अन्य अधिकारियों को राइसिन युक्त पत्र भेजने के बाद मिसिसिपी के एक व्यक्ति को 25 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
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