बिलासपुर–प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हरवंश सिंह का 16 मई को इलाज के दौरान निधन हो गया है। प्रदेश में हरवंश सिंह को लाल किताब का सबसे बड़ा जानकार माना जाता था। हरवंश सिंह के प्रशंसकों निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। सभी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में हजारों भविष्यवाणियों की। लेकिन कोई भविष्यवाणी गलत नहीं हुई। अपनी भविष्यवाणी को लेकर चर्चा में रहने वाले ज्योतिषाचार्य हरवंश को कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लेकिन वह अपने बयान से कभी डगमग नहीं हुए। अन्ततः आलोचना करने वालों को भी उनके सामने सिर झुकाकर उनके बयानों को मानना पड़ा।
हरवंश सिंह कई नगर पंचायतों में सीएमओ के पद पर कार्य किए। रिटायर्ड होने के बाद उन्होने अपना जीवन पहले की तरह लाल किताब के अध्ययन में खपाया। उनकी भविष्यवाणियां राजनेताओं से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक हमेशा चर्चा का विषय रहा। जब तब लोगों ने उनकी भविष्यवाणयों का लोहा माना।
सर्वधर्म समुदाय में लोकप्रिय हरवंशा सिंह को सभी जाति मजहब के बीच अपनी ज्योतिष सेवाओं के माध्यम से सेवा किया। लोगों की माने तो उनमें समय को भी बांधने की क्षमता थी। 16 मई की दोपहर एक निजी अस्पताल में मामूली शिकायत पर भऱ्ती किया गया। डायलिसिस के दौरान उन्होने अंतिम सांस लिया।
मौत की खबर के बाद पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गयी। लोगों की माने तो उन्होने ज्योतिष को कर्मकाण्ड से दूर रखा। बताया कि ज्योतिष विज्ञान होता है। कर्मकाण्ड से इसका कोई लेना देना नहीं होता है। प्रकृति के सच्चे उपासक हरवंश सिंह ने हमेशा छोटे छोटे उपायों से लोगों की ना केवल तकदीर बदलने का काम किया। बल्कि तकलीफ को दूर किया है।
परिजनों ने बताया कि 17 मई की सुबह उनका अंतिम संस्कार गृहग्राम गतौरी में सुबह दस बजे किया जाएगा। निधन की खबर के बाद लोगों ने परिवार से बातचीत कर संवेदना जाहिर किया है।