टीआरपी डेस्क
छत्तीसगढ़ में श्रम आयुक्त ने मजदूरों के महंगाई भत्ते की नई दर तय कर दी है। इसका फायदा अक्टूबर महीने से मिलने लगेगा। जिन मजदूरों पर यह लागू होगा उनमें अनुसूचित क्षेत्रों में कार्यरत औद्योगिक श्रमिक, कृषि श्रमिक, अगरबत्ती निर्माण और बीड़ी निर्माण में लगे श्रमिक शामिल हैं।
श्रम आयुक्त कार्यालय के मुताबिक जोन “अ’ में रायपुर, दुर्ग, भिलाई, भिलाई-चरोदा और बीरगांव नगर निगम और उसके 16 किमी तक का दायरा आता है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक विकास केंद्र, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण का क्षेत्र भी आता है। इसमें प्रदेश के ऐसे सभी कारखाने आते हैं, जिनमें कारखाना अधिनियम के तहत 300 या उससे अधिक श्रमिकों के लिए लाइसेंस लिया गया है। जोन “ब’ में राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर, चिरमिरी और धमतरी नगर निगम और उसके 8 किमी दायरे का क्षेत्र आता है। वहीं जोन “स’ इन दोनों से बाहर का पूरा क्षेत्र है।
श्रम आयुक्त ने कृषि मजदूरों के लिए 273 रुपए प्रतिदिन की दर से न्यूनतम मजदूरी दर तय की है। पिछले साल तक कृषि मजदूरी की दर 262 रुपया प्रतिदिन थी। एक अप्रैल 2022 से इसे बढ़ाकर 268 रुपया प्रतिदिन किया गया था। अधिकारियों ने बताया, औद्योगिक सूचकांक के अनुसार जनवरी 2022 से जून 2022 के मध्य हुई वृद्धि के आधार पर औद्योगिक श्रमिकों का मंहगाई भत्ते में प्रतिमाह 160 रुपए की वृद्धि हुई है। वहीं कृषि श्रमिकों के मंहगाई भत्ते में प्रतिमाह 150 रुपए की वृद्धि की गई है। अगरबत्ती निर्माण श्रमिकों को एक हजार अगरबत्ती बनाने पर चार पैसा और बीड़ी श्रमिकों को एक हजार बीड़ी बनाने पर 4.25 रुपए की वृद्धि की गई है। यह दरें एक अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक के लिए हैं। न्यूनतम मजदूरी दरों के अनुसार श्रमिकों को बढ़ी हुई दरों पर मजदूरी अब एक अक्टूबर 2022 में मिलेगी।