बिलासपुर—प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बिलासपुर अल्पप्रवास के दौारन प्रयास विद्यालय का निरीक्षण किया। अधिकारियों की उपस्थिति बच्चों से संवाद भी किया। बच्चों को पढ़ाई लिखाई और भविष्य को लेकर उत्साहित भी किया। बच्चों से प्रमुख सचिव ने बताया कि विद्यार्थी जीवन का मतलब एकलव्य की तरह ध्यान केन्द्रित कर सपनों को साकार करना है। इस दौरान सोनमणी वोरा ने बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का हुनर सिखाया और सफलता के टिप्स भी दिया। अधिकारियों को विद्यालय की व्यवस्था को और बेहतर बनाने की बात कही।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा आज बिलासपुर अल्प प्रवास पर पहुंचे। उन्होने अधिकारियों के साथ रमतला स्थित संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने 12 वीं उत्तीर्ण विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों से आदत के अनुसार संवाद किया। बच्चों के सपने और तैयारियों को जांचा परखा।
एकलव्य की तरह करें संधान
बोरा ने बच्चों को एकलव्य की तरह ध्यान केन्द्रित कर संपूर्ण ताकत के साथ लक्ष्य पर निशाना साधने को कहा। उन्होने बताया कि सफलता में दिक्कते आएंगी। लेकिन हमें संधान कर निशाने पर तीर मारना है। मतलब लक्ष्य को हासिल करना है। वोरा ने बच्चों की जरूरतों को लेकर भी बातें की। साथ ही उसे पूर्ण करने का भरोसा भी दिया। प्रमुख सचिव ने शहर के चांटीडीह में संचालित शासकीय पोस्ट मेट्रिक कर्मचारी पुत्री छात्रावास और वृहस्पति बाजार में संचालित आदर्श पीजी एससी कन्या छात्रावास का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होने उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। पढ़ाई कर रहे बच्चों की मांग पर आचार संहिता के बाद झण्डा फहराने के लिए चबूूतरा, सायकिल स्टेण्ड और एक बड़ा फ्रीज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी
जानकारी देते चलें कि प्रयास आवासीय विद्यालय में इस साल 439 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। प्रयास में नक्सल हिंसा प्रभावित जिलों के गरीब बच्चों को पढ़ाई लिखाई से लेकर खाने -पीने की निःशुल्क सुविधा मुहैया करायी जाती है। फिलहाल कला एवं वाणिज्य संकाय में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक पठन-पाठन की सुविधा है। उन्हें क्लेट, सीए, सीमेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाती है।
बोरा ने प्रयास विद्यालय में रसोई कीचन, लाईब्रेरी, कम्पयूटर लैब, टॉयलेट आदि का गहन निरीक्षण किया। रसोई घर की डिजाइन में हल्का फुल्का सुधार के साथ रिबिल्डिंग करने को कहा। आर्किटेक्ट की सलाह लेकर बच्चों के कमरों को वास्तु के अनुरूप कुछ बदलाव करने का निर्देश दिया।
पढ़कर बड़ा बनें..दूसरों की मदद भी करें
प्रमुख सचिव ने बच्चों को कैरियर मार्गदर्शन भी किया। नौकरी और कारोबार के विभिन्न उपाय भी बताए। उन्होंने कहा कि यदि आप तरक्की कर समाज में स्थापित हो जाएं तो समाज के वंचित लोगों का भी मदद करें। पढ़ाई के दौरान हमेशा अपने माता-पिता के सपनों को ध्यान में रखकर लक्ष्य प्राप्त करने का संपूर्ण प्रयास करें।
देश दुनिया को जाने और समझें
उन्होंने दुहराया कि पढ़ाई के साथ साथ बच्चों का व्यक्तित्व विकास भी जरूरी है। शहर के नामी गिरामी लोगों को विद्यालय में बुलाकर उनका व्याख्यान कराएं ताकि बच्चे उनके अनुभव और देश-दुनिया के बारे में जान सके। उन्होंने प्रयास विद्यालय में बरसात के मौसम में पौधे लगाने के भी निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर प्रमुख सचिव ने निर्देश भी दिए। डिप्टी कमिश्नर आदिवासी विकास सीएल जायसवाल, ईई पीडब्ल्यूडी सीके पाण्डेय समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।