जम्मू-कश्मीर में राजौरी के उप जिला नौशहरा की रहने वाली भावना केसर एक मध्यम वर्ग परिवार से आती हैं। भावना केसर के पिता नौशहरा बाजार में एक दर्जी की दुकान चलाते हैं, जबकि माता गृहिणी है। भावना केसर ने 12वीं तक की शिक्षा टीएमपी स्कूल नौशहरा से हासिल की, जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ चली गई।
पढ़ाई पूरी करने के बाद भावना केसर फिर से जम्मू वापस आई, और कड़ी मेहनत की और अपने माता-पिता के सपने को साकार करते हुए जज बन गईं।
जज बनने के बाद पहले दिन जब भावना केसर नौशहरा पहुंचीं तो परिवार वालों और नौशाहरा वासियों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया।
भावना केसर ने कहा कि आज मुझे बेहद खुशी हो रही है, जो सपना मेरे माता-पिता और मैंने मिल कर देखा था, वो आज साकार हुआ। मेरी सफलता के पीछे मेरे परिवार वालों का भरपूर सहयोग रहा।
उन्होंने कभी भी पढ़ाई को लेकर पीछे नहीं रहने दिया। मुझे अपने माता-पिता पर गर्व है कि मैं इस परिवार में पैदा हुई, जिन्होंने हर समय मेरा सहयोग किया और मुझे आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया, मेरी प्रेरणा का स्रोत मेरे माता-पिता, मेरे परिवार वाले हैं, जिनके सहयोग से आज मैं इस मुकाम तक पहुंची।
लोगों को मेरा यही संदेश है कि अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दें और उनका सहयोग करें। एक सीमित दायरे में रहकर अच्छी शिक्षा लें और अपने माता-पिता, अपने परिवार, गांव का नाम रोशन करें।
भावना केसर के पिता नरेश कुमार ने कहा कि भावना ने वह कर दिखाया है जिससे ना सिर्फ परिवार को बल्कि पूरे नौशहरा को इस बेटी पर गर्व है। वो ज्यूडिशरी एग्जाम पास कर जज बन गई हैं।