जशपुर नगर।छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं ज़िलाध्यक्ष। विनोद कुमार गुप्ता , महामंत्री। संजीव शर्मा , कोषाध्यक्ष। अवनीश पांडेय ने श्री बृजमोहन अग्रवाल को स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री का दायित्व मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के अव्यवस्थित कार्यप्रणाली को सुधारने में बृजमोहन अग्रवाल का अनुभव तथा उनके निर्णय लेने की क्षमता से शिक्षक संवर्ग के विभागीय सेवाकालीन मुद्दों का समाधान होगा।
फेडरेशन के कहना है कि राज्य स्तर पर पदोन्नति विगत पाँच वर्षों से लंबित है। स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती पदोन्नति नियम 5 मार्च 2019 में वर्णित नियमों एवं प्रावधानों के विरुद्ध वरिष्ठता सह उपयुक्तता को दरकिनार करते हुए प्रशासकीय पदों पर पदीय जूनियर व्यक्ति को पदस्थ किया गया है।
जिसके कारण प्रशासकीय व्यवस्था एवं नियंत्रण बिगड़ गया है।विभागीय अधिकारी के उच्च पद पर जूनियर व्यक्ति पदस्थ हैं। सीनियर व्यक्ति अपने जूनियर के अधीन काम करने विवश हैं।जिसके कारण प्रशासकीय असंतुलन पैदा हो गया है।वरिष्ठ व्यक्ति पदोन्नति पाने के आस में सेवानिवृत्त हो गए हैं अथवा होने वाले हैं।
फेडरेशन का कहना है कि प्राचार्य पद पर पदोन्नति का मामला हो अथवा व्याख्याता पद पर पदोन्नति हो केवल विवाद और कागजी घोड़ा दौड़ रहा है। शिक्षा विभाग में प्रभारवाद हावी है, जिसका समाधान आवश्यक है।सहायक शिक्षक संवर्ग (ई एवं टी) को त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ लेकिन विभाग मौन है !
वेतन विसंगति के मुद्दे पर हड़ताल हुआ,कमेटी बनी लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ ! विभागीय कामकाज का ये आलम है कि प्राथमिक प्रधान पाठक (अराजपत्रित) को वेतनमान 15600-39100 ग्रेड पे ₹ 5400 (लेवल-12) स्वीकृत हो जाता है ! लेकिन उच्च पद पूर्व माध्यमिक प्रधानपाठक (राजपत्रित) के मामले में विभाग मौन है।
फेडरेशन के कहना है कि स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल (सेजस) में परिवर्तित कर स्वीकृत पदों को एक प्रकार से समाप्त कर दिया गया है। इन विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों के पदस्थापना को परिवर्तित कर प्रतिनियुक्ति में पदस्थ किया गया है।वेतन मद के स्थान पर अनुदान मद से वेतन भुगतान हो रहा है।सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के फाइनल पेमेंट का भुगतान गैर-सेजस स्कूलों के स्वीकृत रिक्त पदों से हो रहा है!
सेवानिवृत्त प्राचार्य के लिए आवश्यक “न माँग न जाँच न घटना” प्रमाणपत्र जारी करने में विभागीय लेटलतीफी के कारण पेंशन-ग्रेच्यूटी महीनों रुक जाता है।
एन पी एस से ओ पी एस के मामले में शिक्षक संवर्ग की सर्वाधिक संख्या लाभ/हानि के दुविधापूर्ण स्थिति में है। फेडरेशन के कहना है कि शिक्षा विभाग का अमला अन्य विभागों के तुलना में बहुत बड़ा है।अतः मुद्दे भी बहुत हैं।फेडरेशन का मानना है कि बृजमोहन अग्रवाल का अनुभव तथा उनके निर्णय लेने की क्षमता से शिक्षक संवर्ग के विभागीय मुद्दों का निश्चितरूप से समाधान होगा।