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भारत में 5जी की शुरुआत के बाद अब क्लाउड गेमिंग भी उड़ान भरने के लिए तैयार, पढ़े पूरी खबर

5जी के साथ क्लाउड गेमिंग का बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। अन्य क्लाउड सेवाओं की तरह ही क्लाउड गेमिंग रिमोट सर्वर पर गेम खेलने की सुविधा देता है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्तमान में 30 करोड़ मोबाइल गेमर्स का यूजर बेस है। साथ ही, भारतीय मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री का आकार 2025 तक तीन गुना होने की उम्मीद है। क्लाउड गेमिंग के लिए तेज और मजबूत इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है। नियमित गेमिंग के विपरीत इसमें पावरफुल हार्डवेयर की जरूरत नहीं होती है।

क्लाउड गेमिंग क्या है

क्लाउड गेमिंग में गेम को बिना इंस्टाल किए अपने स्मार्टफोन, कंसोल या पीसी पर खेल सकते हैं। इसमें गेम का डाटा रिमोट डाटा सेंटर पर स्टोर होता है। प्लेयर गेम को अपने सिस्टम के माध्यम से दूर से भी एक्सेस कर सकते हैं। क्लाउड गेमिंग आपके ओटीटी प्लेटफार्म की तरह ही है।

जब आप नेटफ्लिक्स या प्राइम वीडियो पर कोई फिल्म देखते हैं, तो डाटा वास्तव में रिमोट सेंटर में स्टोर होता है। हालांकि तेज इंटरनेट कनेक्शन के कारण डाटा को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। क्लाउड गेमिंग में एकमात्र अंतर यह है कि आप इसके लिए जिस एप का उपयोग करते हैं, वह आपके इनपुट को भी उठा सकता है और रीयल-टाइम में उसकी प्रोसेसिंग कर सकता है। क्लाउड गेमिंग की अच्छी बात यह है कि आपको महंगे हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ती है।

क्लाउड गेमिंग का भविष्य

भारतीय गेमिंग बाजार काफी हद तक मोबाइल पर आधारित है। हाइ-स्पीड इंटरनेट और बजट स्मार्टफोन की उपलब्धता से क्लाउड गेमिंग का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। देश में जियो गेम क्लाउड की शुरुआत हो गई है। जियो गेम्स क्लाउड में 50 से ज्यादा गेम्स खेलने के लिए उपलब्ध हैं। वहीं टेलीकाम आपरेटर वोडाफोन आइडिया ने अपने यूजर्स को 5जी क्लाउड गेमिंग अनुभव देने के लिए गेमिंग प्लेटफार्म केयरगेम के साथ साझेदारी की है। एनविडिया का जीफोर्स नाउ, माइक्रोसाफ्ट का एक्सबाक्स गेम पास और सोनी का अपना प्लेस्टेशन प्लस प्रीमियम तेजी से आगे बढ़ रहा है। 5जी के साथ क्लाउड गेमिंग भारत में गेमिंग के भविष्य में बड़ा बदलाव ला सकता है।

क्लाउड गेमिंग के हैं कई फायदे

डाउनलोड और इंस्टाल की जरूरत नहीं : नियमित हैवी मोबाइल गेम्स के लिए बड़े स्टोरेज स्पेस की आवश्यकता होती है और डाउनलोड व इंस्टाल करने में काफी समय लगता है। वहीं, क्लाउड गेमिंग को डाउनलोड या इंस्टाल करने की आवश्यकता नहीं है। इससे मोबाइल स्पेस को बचा सकते हैं।

मल्टी-डिवाइस पर खेलने की सुविधाः क्लाउड गेम की खासियत है कि गेमर्स अपनी सुविधा से गेम को अलग-अलग डिवाइस पर एक्सेस कर सकते हैं।

साझा करना है आसानः क्लाउड गेम को साझा करना आसान है, क्योंकि इसे यूआरएल के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। युवा गेमर्स इंटरनेट मीडिया पर लिंक साझा कर सकते हैं या चैट कर सकते हैं और आसानी से गेम एक्सेस कर सकते हैं। यह गेमर्स के बीच बेहतरीन बांडिंग एक्सरसाइज बनाता है।

मल्टी-प्लेटफार्म पर खेलें दोस्तों के साथ : युवा गेमर्स के साथ मिलकर गेम खेलना पसंद करते हैं, क्लाउड गेमिंग इसे आसान बनाता है, क्योंकि क्लाउड के साथ गेम्स को एक ब्राउजर से एक्सेस किया जा सकता है, जिससे किसी भी प्लेटफार्म या डिवाइस पर एक्सेस किया जा सकता है।

खेलने के लिए सुरक्षितः आमतौर पर इंस्टाल करने वाले गेम को खेलने के लिए कई तरह की अनुमति की जरूरत होती है। क्लाउड गेम के साथ डिवाइस पर कुछ भी इंस्टाल नहीं करना पड़ता है, इसलिए अनुमति देने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह क्लाउड गेमिंग को और अधिक सुरक्षित बनाता है।

प्रीमियम गेमिंग अनुभवः इंस्टाल किए जाने वाले गेम के लिए डिवाइस में गेम रेंडरिंग की जाती है। यदि डिवाइस लो-एंड है, तो प्रोसेसिंग खराब होगी और एक्सपीरियंस भी अच्छा नहीं मिलेगा। वहीं क्लाउड गेमिंग में रेंडरिंग अधिक पावरफुल सर्वर पर होती है। बैंडविड्थ क्षमता को देखते हुए गेमर्स बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

क्लाउड गेमिंग के नुकसान

क्लाउड गेमिंग दिखने में भले ही ठीक-ठाक लगे, लेकिन इसके नुकसान भी हैं। यह सभी गेम को सपोर्ट नहीं करता है। फ्रेम रेट और रिजाल्यूशन सेटिंग्स में समस्याओं की वजह से पेशेवर खिलाड़ियों को बेहतरीन एक्सपीरियंस नहीं मिल पाता है। क्लाउड गेमिंग के लिए मजबूत और तेज इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास तेज इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, तो गेम खेलते समय विलंबता का सामना करना पड़ेगा। ज्यादातर क्लाउड गेमिंग प्लेटफार्म सब्सक्रिप्शन आधारित होते हैं यानी गेम खेलने के लिए आपको पैसा खर्च करते रहना होगा। इसलिए, यह सभी खिलाड़ियों के लिए किफायती नहीं है। क्लाउड गेमिंग का एक और नुकसान यह है कि यह काफी बैंडविड्थ की खपत करेगा।

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