रायपुर 27 सितम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को सहेजने और संवारने में मदद मिल रही है।
श्री बघेल ने आज यहां सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इसके माध्यम से खेलबो जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करते हुए हमने राज्य के पारंपरिक खेलों को जीवंत करने का काम किया है।उन्होने कहा कि पिछले पांच वर्षों में हमने राज्य में खेल अधोसंरचनाओं और खेल सुविधाओं के विकास के लिए लगातार काम किए हैं। राज्य में छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है ताकि खेलों की समुचित अधोसंरचना खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश में केवल दो गैर आवासीय खेल अकादमी थे। अब इनकी संख्या आठ हो गई है। साथ ही आठ नई अकादमी प्रस्तावित भी हैं।उन्होने कहा कि बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाजी और एथलेटिक एकेडमी आरंभ की गई हैं। रायपुर में तीरंदाजी की आवासीय अकादमी शुरू की गई है। नारायणपुर में मलखम्भ अकादमी बना रहे हैं। क्याकिंग और कैनोइंग अकादमी जगदलपुर में आरंभ की गई है, ताकि इन खेलों को भी बढ़ावा दिया जा सके।
श्री बघेल ने इस दौरान राजधानी के लाभाण्डी में नवनिर्मित टेनिस अकादमी के प्रशासनिक भवन और छात्रावास को आज राज्य के लोगों को समर्पित किया। जल्द ही यहां टेनिस की विश्वस्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी और टेनिस अकादमी के माध्यम से खिलाड़ियों के सुनहरे भविष्य का निर्माण होगा।
श्री बघेल ने समापन समारोह में विजेता टीमों और खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किए। रायपुर के चार खेल मैदानों में पिछले तीन दिनों से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के राज्य स्तरीय मुकाबले चल रहे थे। इसमें राज्यभर के खिलाड़ियों ने 16 खेलों में अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया।छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के राज्य स्तरीय आयोजन में प्रदेशभर के 1906 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
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