विभाग की ओर से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रतिदिन दोपहर का भोजन दिया जाता है। इसके लिए विभाग की ओर से निर्धारित सामग्री व धनराशि दी जाती है।
बेसिक के विद्यालयों में शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति के साथ ही अब मिड-डे मील की भी रियल टाइम मॉनीटरिंग होगी। विभाग में चल रहे डिजिटलाइजेशन के तहत अब मिड-डे मील के वितरण के बाद तुरंत इसकी पूरी सूचना ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। इसका पायलट प्रोजेक्ट लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव व श्रावस्ती में शुरू किया जाएगा। आगे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
विभाग की ओर से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रतिदिन दोपहर का भोजन दिया जाता है। इसके लिए विभाग की ओर से निर्धारित सामग्री व धनराशि दी जाती है। इसकी हर माह अपडेट सूचना स्कूल की ओर से विभाग को दी जाती है। लेकिन अब इसकी प्रतिदिन रियल टाइम मॉनीटरिंग होगी। विभाग ने निर्देश दिया है कि एमडीएम पंजिका, लाभार्थी संख्या, मेन्यू, खाद्यान्न, लागत में बदलाव आदि की सूचना अपडेट की जाएगी। इसके तहत हर दिन दोपहर भोजन वितरण के बाद (एक अप्रैल से 30 सितंबर तक दोपहर 12 बजे) और (एक अक्तूबर से 31 मार्च तक दोपहर डेढ़ बजे) इसे अपडेट किया जाएगा।
विभाग के अनुसार इससे यह पता चलेगा कि कितने बच्चों को प्रतिदिन भोजन वितरण किया जा रहा है। अगर तीन दिन से अधिक कोई बच्चा नियमित स्कूल नहीं आ रहा है तो विभाग को इसकी जानकारी मिलेगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि इसके माध्यम से हर दिन निर्धारित मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन वितरण हो रहा है या नहीं, इसकी जानकारी मिलेगी। इसमें जरूरी सुधार भी किया जा सकेगा।
बच्चों को देंगे यूनिक पहचान संख्या
अधिकारियों के मुताबिक विभाग में चल रहे डिजिटलाइजेशन के साथ प्रवेश पंजिका में बच्चों के नामांकन के साथ ही पूरा विस्तृत विवरण दर्ज किया जाएगा। इसे प्रेरणा ऐप से अपडेट करेंगे। प्रेरणा पोर्टल पर नामांकन करने के बाद सिस्टम उसे एक यूनिक पहचान संख्या एलॉट कर देगा। इसे प्रधानाध्यापक डिजिटल पंजिका में दर्ज करेंगे। इससे बच्चों को किसी भी योजना का लाभ देने या आंकलन करने में भी सहूलियत होगी। विद्यालय में पढ़ाई व परिणाम, स्थानांतरण प्रमाण पत्र में भी यह पहचान संख्या दर्ज होगी।
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