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मिलेट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए निजी उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाए: मुख्य सचिव

रायपुर, 19 अप्रैल 2023/ मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मिलेट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए निजी उद्यमियों को प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। वे आज यहां मंत्रालय महानदी में राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रम में गृह एवं जेल तथा वन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

बैठक में डीजीपी श्री अशोक जुनेजा, पीसीसीएफ डॉ. संजय शुक्ला, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और वन, गृह एवं जेल विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ भी मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने बैठक में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत किसानों और अन्य हितग्राहियों की निजी भूमि पर वृक्षारोपण करने व्यापक कार्ययोजना के तहत कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षों को लगाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि काष्ठ एवं प्लाइवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण कार्य में सहयोगी संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को ज्यादा-ज्यादा दोना पत्तल तैयार करने की इकाईयां लगाने के भी निर्देश दिए।

वन विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य में वर्ष 2022 में 52 हजार 730 क्विंटल मिलेट अनाज समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया है। वर्ष 2023 में 38 हजार 700 क्विंटल मिलेट समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023 में शालाओं में मध्यान्ह भोजन योजना तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलेट आधारित पोषण आहार और आदिम जाति कल्याण विभाग के आश्रम, शालाओं, छात्रावासों, जेल एवं पुलिस लाईन इत्यादि में मिलेट उत्पाद प्रदाय किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग, जगदलपुर, बिलासपुर, सरगुजा और रायपुर में राज्य स्तरीय सी-मार्ट बनाए गए है।

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत राज्य में करीब 36 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण का कार्य किया गया है। इसमें करीब 2 करोड़ से अधिक पौध रोपण किया गया है। योजना के तहत 21 हजार 685 हितग्राहियों को शामिल किया जा चुका है। इस योजना से हितग्राहियों द्वारा उत्पादित सामग्री का क्रय किया जाएगा। जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी और काष्ठ प्लाइवुड उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन होगा। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में फलदार और औषधीय पौधों का रोपण किया जा रहा है। नदियों के किनारे भी पौधा रोपित किए जा रहे हैं।

मुख्य सचिव ने नरवा विकास कार्यों की समीक्षा में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2022-23 में नरवा विकास के 1503 कार्य किए गए हैं, जिसमें 2 लाख 81 हजार 879 जल संग्रहण क्षेत्र लिया गया है। नरवा विकास के कार्यों से नाला जल प्रवाह एवं भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। कृष्ण कुंज योजना के तहत राज्य के चयनित नगरीय निकाय में पौधांे का रोपण किया गया है। जिसमें करीब 60 हजार 463 से अधिक पौधे रोपित किए गए है। इन पौधों की लगातार देख-रेख की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संसाधन के संग्रहण, प्रसंस्करण तथा उद्योग विकास हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाईयों को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्ष 2018-19 से अब तक 38 प्रकार के लघु वनोपजों की भारत शासन के समर्थन मूल्य पर, 29 प्रकार के लघु वनोपजों की राज्य के समर्थन मूल्य पर इस तरह कुल 67 लघु वनोपजों का संग्रहण किया जा रहा है। 70 से अधिक वन धन विकास केन्द्र द्वारा 140 से अधिक लघु वनोपज आधारित हर्बल उत्पाद का प्रसंस्करण तथा छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड से करीब 8 करोड़ से अधिक मूल्य के उत्पादों का प्रतिवर्ष विक्रय किया जा रहा है।

राज्य में 6 औषधी प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर करीब 45 औषधियों को तैयार किया जा रहा है। जिसे आयुष विभाग को करीब 2 करोड़ की औषधियों की आपूर्ति की गई है। राज्य में आर्गेनिक सर्टिफाइड जंगली शहद संग्रहण में वृद्धि तथा प्रसंस्करण हेतु एक हजार क्विंटल क्षमता की कुल 4 प्रसंस्करण इकाईयां संचालित की जा रही है। बस्तर तथा अन्य क्षेत्र में काजू प्रसंस्करण करने हेतु 3 काजू प्रसंस्करण इकाईयां शुरू की गई है।

बैठक में वन राजस्व में वृद्धि, वृक्षारोपण, आवर्ती चराई योजना, वन अधिकार पट्टों पर ऋण वितरण आदि की विस्तार से समीक्षा की गई। इसी प्रकार बैठक में चिटफंड पीड़ितों को राशि वापसी की प्रगति, महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अपराधिक प्रकरणों में समय-सीमा में चलान पेश करना और महिला हेल्प लाईन, अपराध नियंत्रण और सायबर क्राइम के नियंत्रण के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में गृह विभाग के सचिव श्री एस.बसवराजू, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री अनिल राय, मुख्य लक्ष्यकार्यपालन अधिकारी कैम्पा श्री निवासराव सहित गृह एवं वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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