Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
मुरादाबाद हादसे की आपबीती: ‘मेरी आंखों के सामने खत्म हो गई भाभी और बच्चों की जिंदगी’, नर्सिंग स्टाफ भी रो पड़ा

मुरादाबाद के भगतपुर थाना इलाके में अलीगंज-दलपतपुर मार्ग पर रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे कैंटर ने सामने से आ रही टाटा मैजिक में टक्कर मार दी। इस हादसे में चालक समेत मैजिक में सवार भोजपुर इलाके के 10 लोगों की मौत हो गई। 13 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मैजिक सवार सभी लोग रिश्तेदार की शादी में शामिल होने रामपुर जा रहे थे। हादसे में जान गंवाने वालों में दो सगी बहनें और मां-बेटे शामिल हैं। 

दोपहर के एक बजे करीब हम सब 23 लोग मैजिक में बैठकर शादी में रामपुर के लिए गांव से निकले थे। मैजिक में बच्चे, महिलाएं और कुछ पुरुष थे। सब कुनबे के ही लोग थे और आपस में हंसी ठिठोली कर रहे थे। गांव से महज आठ किलोमीटर दूर पहुंचे थे। तभी अचानक सामने से किसी वाहन ने बहुत तेज टक्कर मारी।

छोटे बच्चे उछलकर मैजिक के बाहर जा पड़े। दोनों वाहन सड़क पर पलट गए। तमाम लोगों के सिर फट गए, चीखपुकार मच गई। मेरी आंखों के सामने भाभी (आसिफा) और बच्चे (बिलाल) की जिंदगी खत्म हो गई। यह बोलते-बोलते घायल हुसने अली फफक उठे। साहस कर बोले कि घबराहट इतनी थी कि मेरी आंखें बंद होने लगीं और मैं बेहोश हो गया। 

जब होश आया तो अस्पताल में था। यहां पता चला कि हमारे सात के 10 लोग नहीं रहे। मेरा भतीजा फरहान अब तक अपनी अम्मी (हनीफा) को ढूंढ रहा है। घायल में हुसने अली (18) ने जब जिला अस्पताल में हादसे की आपबीती सुनाई तो लोग स्तब्ध रह गए। नर्सिंग स्टाफ की आंखों में भी पानी भर आया। छोटे बच्चों की तकलीफ किसी से देखी नहीं जा रही थी।

लग रहा था कि कोई नहीं बचेगा – फरहान
हम जिस गाड़ी में बैठे थे, वह तेज नहीं चल रही थी। जब सामने से टक्कर लगी तो बहुत तेज आवाज आई, लगा कि कोई नहीं बचेगा। मैं बहुत घबरा गया था, हमारी गाड़ी पलट गई। मुझे होश आया तो आसपास बहुत सारे लोग इकट्ठा थे। मैं गाड़ी के नीचे दबा हुआ था। दो अंकल वहां थे, जिन्होंने गाड़ी को काटकर मुझे निकाला। 

मेरी बहन अलसदा और अम्मी हनीफा के भी चोट लगी है। बहन तो मेरे पास ही है लेकिन पता नहीं अम्मी कहां हैं। खाला के बेटे बता रहे हैं कि उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया गया है। पता नहीं उनकी तबीयत कैसी होगी, कोई फोन पर बात भी नहीं करा रहा है।

हम सब खाई में गिर गए थे- अलशदा
मैं अपने भैया और अम्मी के साथ शादी में जा रही थी। हमारी गाड़ी में चाची, चाचा और उनके बच्चे भी थे। सबके बहुत चोट लगी है। बड़ी गाड़ी ने इतनी तेज टक्कर मारी कि हम सब खाई में गिर गए और गाड़ी के नीचे दब गए। उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं हैं। मेरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है। मेरे भैया तो यहीं पर हैं लेकिन अम्मी नहीं मिल रहीं। अब्बू बाहर काम करने गए थे। उनसे फोन पर बात हुई है, उन्होंने कहा है कि वो अम्मी को लेकर आ रहे हैं।

अल्लाह ने हमें बचा लिया… सोफिया
दोपहर में हम सब इसलिए निकले थे कि ढाई बजे तक रामपुर पहुंच जाएंगे। गाड़ी में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं ही थीं। जब टक्कर लगी तो मेरी पीठ में लोहे का एंगल बहुत तेजी से लगा। दर्द से मैं बेहोश हो गई। जब थोड़ा होश आया तो पता चला कि जो अंकल हमारी गाड़ी चला रहे थे, उनका इंतकाल हो गया और हमें अस्पताल लाया जा रहा था।

सब आपस में चर्चा कर रहे थे कि पांच लोग नहीं रहे। मेरी आंखे बंद थी बस आवाज आ रही थी। अस्पताल में जब इंजेक्शन और दवाएं लगाईं तब मेरी आंख खुली। मैंने देखा कि फरहान, बुशरा, अलशदा और हुसने चाचा हमारे पास हैं। बाकी सब कहां हैं कोई नहीं बता रहा। बहुत भंयकर टक्कर हुई थी, बस अल्लाह ने हमें बचा लिया।

मैं तो ठीक हूं… मेरी अम्मी कहां हैं – बुशरा
मैं अपनी अम्मी के साथ गाड़ी में बैठी थी। हम बुआ की शादी में जा रहे थे। सामने से एक बड़ी गाड़ी ने बहुत तेज टक्कर मारी। मेरी अम्मी के बहुत चोट लगी है। मैं तो अब सही हूं, पता नहीं अम्मी कहां हैं, चाचा कह रहे हैं कि दूसरे अस्पताल में हैं। मुझे वहां क्यों नहीं लेकर जा रहे। हमारे साथ जो लोग बैठे थे, उनके भी बहुत चोट आई है। सब गाड़ी के नीचे दब गए थे। हमें नहीं पता कि किसने मरहम पट्टी करवाई और कौन यहां लेकर आया। जब मेरी आंख खुली तो मुझे गाड़ी से उतार रहे थे और चार-पांच सफेद कपड़ों वाले आंटी अंकल मेरे पास खड़े थे।

The post मुरादाबाद हादसे की आपबीती: ‘मेरी आंखों के सामने खत्म हो गई भाभी और बच्चों की जिंदगी’, नर्सिंग स्टाफ भी रो पड़ा appeared first on .

https://www.kadwaghut.com/?p=83780