राहुल गांधी को मानहानि केस में मिली दो साल की सजा और सदन से अयोग्य घोषित होने के मामले में उन्हें विपक्ष के कई नेताओं का समर्थन मिल रहा है। तेजस्वी यादव और सीएम केजरीवाल के बाद अब उनके पुराने साथी गुलाम नबी आजाद ने भी राहुल को अपना समर्थन दे दिया है। गुलाम नबी आजाद ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हैं। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लोकसभा से अयोग्य होना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। मैं इसके खिलाफ हूं, चाहे वह राहुल गांधी हों या लालू प्रसाद यादव।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से पहले लालू प्रसाद यादव और अन्य सांसद और विधायक थे, अगर यही चलता रहा तो पूरी संसद और विधानसभा खाली हो जाएगी। एक तरफ कोर्ट का फैसला आता है तो दूसरी तरफ एमपी को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। यह नैचुरल जस्टिस के खिलाफ है।
बता दें कि शुक्रवार को मानहानि केस (‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी) में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके एक दिन बाद ही राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस मामले को लेकर कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन कर रही है और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के समर्थन में आ गए हैं।
क्या है राहुल गांधी के अयोग्य का मामला
अप्रैल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में टिप्पणी की थी कि “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है”। जिसे लेकर सूरत कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने राहुल गांधी को जमानत की मंजूरी दे दी और 30 दिनों के लिए सजा पर रोक लगा दी ताकि उन्हें उच्च न्यायालयों में जाने की अनुमति मिल सके।
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