नई दिल्ली। लोकसभा में प्रियंका गांधी ने आज अपना पहला भाषण दिया..भाषण के दौरान प्रियंका गांधी ने भाजपा को घेरने का मौका भी नहीं छोड़ा..वहीं लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि… वाद विवाद की हमारी पुरानी संस्कृति रही है। इसी परंपरा से उभरा हमारा स्वतंत्रता संग्राम। हमारा स्वतंत्रता संग्राम विश्व में एक अनोखा संग्राम था। यह एक अनोखी लड़ाई थी जो अहिंसा और सत्य पर आधारित थी। इस संग्राम को आगे कैसे बढ़ा गया। आजादी की लड़ाई बेहद लोकतांत्रिक थी। इसमें देश के मजदूर, किसान अधिवक्ता, बुद्धजीवी, हर जाती, धर्म औऱ हर भाषा को बोलने वाले सब इस संग्राम में शामिल हुए। सबने आजादी की लड़ाई लड़ी। उसी आजादी की लड़ाई से एक आवाज उभरी। वह देश की आवाज थी और वही आवाज आज हमारा संविधान है। आजादी की गूंज में हमारा संविधान बनाया गया। यह सिर्फ दस्तावेज नहीं है। राजगोपालाचारी जी, डॉ. आंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू जी और उस समय के तमाम नेता। जैसे आपने कहा कि इस संविधान को बनाने में सालों जुटे रहे।
हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद अभिव्यक्ति की ज्योत
उन्होंने कहा, हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद अभिव्यक्ति की ज्योत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है। इस जोत ने हर भारतीय को यह पहचानने की शक्ति दी कि उसे न्याय मिलने का अधिकार है। कि उसमें अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की क्षमता है। वह जब आवाज उठाएगा तो सत्ता को उसके सामने झुकना पड़ेगा। इस संविधान ने सबको अधिकार दिया कि वह सरकार बदल सकता है। हर हिंदुस्तानी को विश्वास दिया कि देश के संसाधनों में उसका भी हिस्सा है। उसे एक सुरक्षित भविष्य का अधिकार है। देश बनाने में उसकी भागेदारी है। उम्मीद और आशा की यह जोत मैंने देश के कोने-कोने में देखी है।
बेटी मुझे न्याय चाहिए
प्रियंका ने कहा, उन्नाव में मैं रेप पीड़िता के घर गई। वह 20-21 साल की रही होगी। जब वह लड़ाई लड़ने गई तो उसे जलाकर मार डाला गया। उसे खेत में जलाया गया था। भाइयों को मारा गया था। पिता को घर से बाहर घसीटकर मारा गया था। उस पिता ने बताया कि बेटी मुझे न्याय चाहिए. मेरी बेटी जब एफआईआर दर्ज करने जिले में गई तो उसे मना किया गया। वह रोज सुबह तैयार होकर अपने मुकदमे को लड़ने के लिए बगल के जिले में ट्रेन से जाती थी। मैंने उसे मान किया लेकिन बेटी ने जवाब दिया कि यह मेरी लड़ाई है और मैं लड़ूंगी। यह क्षमता उस लड़की को हमारे संविधान ने दी।