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वाह रे जांच टीम..गए थे बाल मजदूरी का पता लगाने…लेकिन खानापूर्ति कर लौट आए..पूछा बताओ…किसने खींचा फोटो…नहीं तो होगी कार्रवाई
बिलासपुर—सरकन्डा मुक्तिधाम स्थित आत्मानन्द स्कूल प्रबंधन को लेकर जो भी कहें..कम ही है। कुछ दिनों पहले स्कूली बच्चों से किताब से भरे टाटा 407 को खाली कराने और  बालश्रम  का मामला सामने आया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जांच का निर्देश दिया। शिक्षा अधिकारी ने टीम में ऐसे लोगों को शामिल किया। जिन्हें समकक्ष पर लगे आरोपों का जांच करने का अधिकार  ही नहीं है। बावजूद इसके टीम स्कूल पहुंची..लेकिन जांच बालश्रम की जगह फोटो खीचने तक सिमटकर रह गया।
जानकारी देते चलें कि पिछले दिनों सरकन्डा मुक्तिधाम स्थित आत्मानन्द स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के आदेश पर बारिश के बीच बच्चों से पुस्तकों से भरे पिकअप वाहन खाली कराने का मामला सामने आया। कलेक्टर के आदेश पर जिला शिक्षा विभाग ने सदैव की तरह जांच टीम का गठन किया। हमेशा की तरह विवादास्पद प्रभारी प्राचार्य पर दया दिखाते हुए टीम में ऐसे लोगों को शामिल किया। जिन्हें जांच करने का अधिकार ही नहीं है।
सवाल किसने दिया आदेश..पूछा क्या
बहरहाल निर्देशों के बीच दो सदस्यी जांच टीम सवाल के साथ आत्मानन्द स्कूल तो पहुंची। लेकिन सवाल बालश्रम  की जगह फोटो किसने खींचा पर केन्द्रित रहा। पूरे समय दो सदस्यीय जांच टीम पता लगाती रही कि तस्वीर को मीडिया तक किसने पहुंचाया। जबकि टीम को निर्देश दिया गया था कि बच्चों को किताबों से भरे पिकअप को खाली कराने का आदेश किसने दिया।
तकनीकी रूप से जांच दल गठन गलत
जांच दल में  बसंत चौकसे प्राचार्य लालबहादुर शास्त्री स्कूल बिलासपुर के अलवावा भूपेंद्र शर्मा प्रभारी प्राचार्य लाला लाजपतराय शाला सदर बाजार  को शामिल किया गया। जबकि भूपेंद्र शर्मा मुक्तिधाम आत्मानन्द स्कूल प्राचार्य के समकक्ष है। ऐसी स्थिति में उन्हें जांच करने का अधिकार नहीं है। यद्यपि रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं किया गया है। जैसा की जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया। बावजूद इसके स्कूल स्टाफ में जमकर चर्चा है कि जांच में पूर्णकालिक सीनियर को होना चाहिए था। क्योंकि टीम में शामिल सदस्य और मुक्तिधाम स्थित आत्मानन्द स्कूल प्राभारी प्राचार्य समकक्ष है। मतलब एक बार फिर जांच के नाम पर खानापूर्ति का खेल हो रहा है।
जांच के नाम पर खानापूर्ति
स्टाफ के कुछ लोगों ने बताया कि मुक्तिधाम स्थित आत्मानन्द स्कूल प्रभारी प्राचार्य का नाम हमेशा से विवादों से जुड़ा रहा है। पिछले साल एक मा्मले में उन्हें दूसरे स्कूल से अटैच कर दिया। मामला शांत होने के करीब एक महीने बाद उन्हें. आत्मानन्द स्कूल का .दुबारा प्रभारी बनाया गया। स्टाफ की माने तो जांच टीम का गठन सिर्फ खानापूर्ति के लिए हुई है। क्योंकि जांच टीम ने जांच के दौरान बालश्रम को लेकर एक भी सवाल नहीं किया। पूरे समय सिर्फ यही जानना चाहा कि पोटो किसने खींचा और मीडिया तक किसने पहुंचाया ।
फिर क्लिन चिट की तैयारी
बहरहाल इतना तो निश्चित हो गया है कि एक बार फिर प्राचार्य को क्लिन चिट मिलना निश्चित हो गया है। रिपोर्ट में बताया जाएगा कि दरअसल बच्चों से पिकअप खाली ही नहीं कराया गया। बल्कि फोटो में दिखने वाले बच्चे अपने घर से किताब लेकर स्कूल को दान करने आ रहे थे। इसी दौरान किसी ने फोटो खींच लिया और मीडिया के हवाले कर दिया। ऐसा करने में प्रभारी प्राचार्य के किसी दुश्मन का हाथ है।
टीम का गठन गलत..अब आगे रखेंगे ध्यान
जिला शिक्षा अधिकारी टीआर साहू ने बताया कि जल्दबाजी में टीम का गठन किया गया। इसलिए सीनियर और जूनियर की तरफ ध्यािन नहीं गया। आगे इन बातों को ध्यान में रखा जाएगा। फिलहाल रिपोर्ट पेश नहीं किया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा।
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