भारतीय शतरंज खिलाड़ी आर वैशाली स्पेन के एल लोब्रेगाट ओपन में ग्रैंडमास्टर खिताब प्राप्त करने वाली देश की तीसरी महिला खिलाड़ी बनी। इससे वह अपने भाई आर प्रगनानंद के साथ मिलकर विश्व की पहली भाई-बहन ग्रैंडमास्टर जोड़ी बन गईं। वैशाली ने यह उपलब्धि शुक्रवार को 2500 ईएलओ रेटिंग अंक पार करने के बाद प्राप्त की।
वह देश की 84वीं ग्रैंडमास्टर (GM) हैं। कोनेरू हम्पी और डी हरिका भारत की दो अन्य महिला ग्रैंडमास्टर खिलाड़ी हैं। चेन्नई की 22 वर्ष की वैशाली ने स्पेन में 2500 ईएलओ रेटिंग अंक का आंकड़ा पार किया, जिसमें उन्होंने दूसरे दौर में तुर्किये की तैमर तारिक सेल्बेस को पराजित किया। वैशाली ने अक्टूबर में कतर मास्टर्स टूर्नामेंट में तीसरी जीएम नार्म प्राप्त की थी और उन्हें अपनी ईएलओ रेटिंग बढ़ाने की आवश्यकता थी।
इस तरह प्रगनानंद और वैशाली विश्व चैंपियनशिप मैच के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट कैंडिडेट्स में जगह बनाने वाली पहली भाई-बहन की जोड़ी भी बन गए। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट अप्रैल में टोरंटो में खेला जाएगा। वैशाली के छोटे भाई प्रगनानंद ने 2018 में जीएम खिताब प्राप्त किया था। जब वह केवल 12 वर्ष के थे। हंपी जीएम खिताब प्राप्त करने वाली विश्व की सबसे युवा महिला खिलाड़ी हैं।
वह 15 वर्ष की आयु में 2002 में जीएम बनी थीं। शतरंज के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने ‘एक्स’ पर वैशाली को बधाई देते हुए कहा, ‘पिछले कुछ महीनों में उसने बहुत मेहनत की है और यह अच्छा संकेत है, क्योंकि वह कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तैयारी कर रही है। उनके माता-पिता को बधाई।’ वैशाली के पिता रमेशबाबू स्वयं एक शतरंज खिलाड़ी हैं जिन्होंने ही अपने बच्चों को इस खेल में आने के लिए प्रोत्साहित किया।
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