जेनिटल हर्पीस… हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस के चलते होने वाला एक इन्फेक्शन है। यह वायरस जननांगों के साथ शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। इसमें त्वचा पर छोटी-छोटी फुंसियां हो जाती हैं या घाव बन जाते हैं। हर्पीस बीमारी में निकलने वाले ये फफोले या छाले महिलाओं में बच्चेदानी और पुरुषों के मूत्र-मार्ग को भी प्रभावित कर सकते हैं।
स्किन पर अगर छोटे-छोटे ऐसे दाने निकल रहे हैं, जिनमें मवाद नहीं, बल्कि पानी भरा हो, तो इस समस्या को नजरअंदाज करने की गलती न करें, क्योंकि ये एक गंभीर इन्फेक्शन जेनिटल हर्पीस के लक्षण हो सकते हैं। ये लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जो एक बार ठीक होने पर वापस भी आ सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं इस इन्फेक्शन के बारे में साथ ही कुछ जरूरी सावधानियां भी।
क्या है हर्पीस इन्फेक्शन?
हर्पीस स्किन से जुड़ी एक समस्या है, जो हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस(HSV) की वजह से होती है। यह वायरस जननांग, मुंह के साथ शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। इस इन्फेक्शन में त्वचा पर छोटी-छोटी फुंसियां होने लगती हैं, जिनमें मवाद नहीं बल्कि पानी भरा होता है। ये दाने बढ़ते समय के साथ साइज में भी बढ़ने लगते हैं। समय रहते ध्यान न दिया जाय, तो समस्या गंभीर हो सकती है। हर्पीस इन्फेक्शन को ठीक होने में तकरीबन 10 से 12 दिन का समय लग जाता है और ये समस्या एक बार ठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकती है।
हर्पीस इन्फेक्शन की वजहें
सबसे पहले तो जान लें कि हर्पीस इन्फेक्शन संक्रमित व्यक्ति को छूने से नहीं फैलता। अन्य वजहों में…
हर्पीस कितने प्रकार के होते हैं?
हर्पीस मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-
हर्पीस बीमारी में क्या खाएं?
हर्पीस इन्फेक्शन में व्यक्ति कमजोर फील कर सकता है और तनाव में भी रहता है। इसे दूर करने के लिए डाइट और रूटीन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अनहेल्दी डाइट से समस्या और बढ़ सकती है, तो किस तरह की डाइट लेना रहेगा फायदेमंद, जान लें इस बारे में।
हर्पीस इन्फेक्शन में क्या न खाएं?
हर्पीस होने पर ध्यान रखें ये बातें
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