सूरजपुर।500 साल का लगभग इंतजार खत्म हुआ। सोमवार को अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की परिकल्पना मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब साकार हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति सदस्य महिला मोर्चा व बलरामपुर महिला मोर्चा प्रभारी शांति अजय सिंह ने कहा कि राम मंदिर निर्माण एक भक्ति आंदोलन था।
जिसके विविध रूप इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में दिखाई दिए है।देश भर से ख्याति प्राप्त सात हजार से अधिक लोग इस अवसर के साक्षी बने है। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के दौरान श्री राम मंदिर के प्रांगण में जो नीव रखी थी वह 22 जनवरी को साकार हुई ।
सूरजपुर जिले की भाजपा नेता शांति सिंह ने बताया कि राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने लगभग 35 मिनट अपने विचार रखे उसमे जो सबसे महत्वपूर्ण है कि उन्होंने कहा हमारे राम आ गए हैं..।
अब राम लला टेंट में नहीं रहेंगे। अब वो एक भव्य मंदिर में रहेंगे। मोदी जी ने कहा कि मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है हज़ार वर्ष बाद की पीढ़ी, राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी। इसलिए मैं कहता हूं..!
यही समय है। सही समय है। हमें आज से इस पवित्र समय से अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है..! ये मंदिर सिखाता है कि अगर लक्ष्य, सत्य प्रमाणित हो, अगर लक्ष्य, सामूहिकता और संगठित शक्ति से जन्मा हो, तब उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है..! शांति सिंह ने कहा कि मोदी जी की के कहे यह शब्द स्वर्ण के जैसे खरे है।
शांति सिंह ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में शुरू से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है। भाजपा के लिए एक प्रकार से यह भक्ति आंदोलन ही है..। जो अब साकार हो गया है। श्री राम मंदिर में राम लला के विराजमान होने के बाद इस आंदोलन का दीर्घ कालिक असर भी होगा जो आज से दिखाई देने लगा है..।
गांव से लेकर शहर और महानगर तक सोमवार को लला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की धूम रही इस दिन को जनता ने राम दीपावली के रूप में माना है । राम लला के आगमन की झलक हर जगह दिखाई दी है..।अब यह एक नई परम्परा बनने वाली है।
सूरजपुर की भाजपा नेता शांति सिंह कहा कि राम मंदिर आंदोलन जो भक्ति आंदोलन बना 1992 के बाद का यह भारत के इतिहास में दूसरा पुनर्जागरण है।
आजादी के 75 साल के बाद भारत में अब राम राज्य की कल्पना साकार होती हुई दिखाई दे रही है। इस भक्ति आंदोलन ने अपने अतीत का अवलोकन करती इस पीढ़ी के वैचारिक सांस्कृतिक और धार्मिक विचारो में राम मंदिर का निर्माण चिंतन और मनन का केंद्र बिंदु बनाता हुआ दिखाई दे रहा है।
शांति सिंह ने बताया कि वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए श्री राम मंदिर साहित्यिक व सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य के साथ ही इनका समसामयिक विश्लेषण एक बनते हुए भारत के लिए कुछ बेहद बुनियादी दिशा समेटे हुए है।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और राम लला के विराजमान होने के बाद से समाज में जो व्यवस्था जैसी है वह वैसी नहीं रहेगी सोच अब बदलेगी ..। राम राज्य सबसे लिए सबका साथ सबका विकास का मूल मंत्र का चरितार्थ करता हुआ साबित होगा।
शांति अजय सिंह ने बताया कि श्री राम मंदिर के निर्माण कार्य में देश के प्रधान मंत्री मोदी ने इसके निर्माण में लगे श्रमिको को बहुत महत्व दिया। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद उन्होंने ने श्रमजीवियो का स्वागत अभिनंदन गुलाब के फूलो उनके ऊपर बसरा कर किया। यह देश और प्रदेश में पहला अवसर होगा कि इतने महत्वपूर्ण आयोजन में श्रम जीवियो का सम्मान कभी ऐसा हुआ होगा। श्री मोदी के इस कार्य में रैदास के विचारो की झलख भी दिखाई दी है। रैदास कहते थे कि श्रम की अहमियत समझे बिना किसी भी क़िस्म का स्वप्नलोक रचा ही नहीं जा सकता और न ही वह आधुनिक दौर में प्रासंगिक हो सकता है।
भाजपा नेत्री शांति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र का मंदिर संसद भवन हो या राम मंदिर का निर्माण उन्होंने रैदास के विचारो को जीवंत रखा है। देश और विश्व का सबसे शक्तिशाली समर्थवान व्यक्ति आम मजदूरों के साथ आम व्यक्ति की तरह भोजन करके उसके साथ फोटो खिंचवाकर उनके बारे में सामान्य चर्चा कर उनका सम्मान करके उनका सम्मान बढ़ाते हुए उनके श्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने रैदास की स्वप्नलोक की दुनिया की एक झलक पेश की है।
शांति सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी राम लला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मुख्य यजमान रहे।इसके लिए उन्होंने 11 दिन कठिन साधन की है। उनके जैसा व्यक्तित्व इस सदी में मिलना दुर्लभ है। हमारा सौभाग्य है कि वे भारतीय जनता पार्टी की हमारे नेता है। उनकी तपस्या उनकी साधना हमारे एक-एक कार्यकर्ताओं के लिए मिल का पत्थर साबित जरूर होगी।
मालूम हो कि राम लला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख सर संचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ उत्तर प्रदेश की राजपाल आनंदी बेन पटेल समेत प्रमुख साधु सन्त राम मंदिर के गर्भ गृह में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए।