नई दिल्ली। BJP ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर नौकरी देने के नाम पर पैसे लेकर मेरिट में फेरबदल करने, मेधावी अभ्यर्थियों के नाम मेरिट में पीछे करने और पैसे लेकर अयोग्य अभ्यर्थियों के नाम मेरिट में जोड़ने के अपने आरोप को दोहराते हुए एक वीडियो जारी कर ममता सरकार में हुए कई घोटालों को गिनाया है।
विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चला रही भाजपा ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो जारी कर कहा, “घमंडिया अलायंस के काले कारनामे के एपिसोड-9 में देखिए। कैसे पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने नौकरी देने के नाम पर पैसे लेकर मेरिट में फेरबदल की, कैसे मेधावी अभ्यर्थियों के नाम मेरिट में पीछे किए और पैसे लेकर अयोग्य अभ्यर्थियों के नाम मेरिट में जोड़ दिए गए। “
भाजपा ने 2 मिनट 34 सेकंड के इस वीडियो में आरोप लगाते हुए कहा है कि , “वैसे तो पिछले 12 साल में ममता सरकार के घोटालों की लिस्ट बहुत लंबी है और इन्हीं घोटालों में एक नाम है – डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला। साल 2016 में स्कूलों में शिक्षकों ग्रुप सी एवं डी के लिए 8611 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी।
इस भर्ती में ममता सरकार पर यह आरोप लगा कि कम नंबर वालों को ऊपर स्थान दिया गया और कुछ उम्मीदवारों का तो मेरिट लिस्ट में नाम नहीं होने पर भी उन्हें सीधे नियुक्ति दी गई।
इस पूरे घोटाले को ममता के करीबी पार्थ चटर्जी ने उस समय शिक्षा मंत्री रहते हुए आला अधिकारियों और टीएमसी नेताओं के साथ मिलकर अंजाम दिया। जिसमें डब्ल्यूबीएसएससी ने अब कोर्ट में माना है कि ओएमआर शीट में गड़बड़ी कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया था। “
भाजपा ने वीडियो में इसी मामले में जांच एजेंसी ईडी द्वारा जुलाई 2022 में पार्थ चटर्जी और उनके करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर की गई छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में बरामद हुए कैश और कई किलो सोना का जिक्र करते हुए इस मामले में हुई कई गिरफ्तारियों की भी बात कही और साथ ही ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ किए जा रहे पूछताछ का भी जिक्र किया है।
वीडियो में भाजपा ने कैश फ़ॉर जॉब घोटाले के साथ ही मनरेगा, नगर पालिका और कोऑपरेटिव बैंक सहित कई घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। भाजपा ने गठबंधन में शामिल अन्य दलों पर भी राजनीतिक हमला बोलते हुए यह भी आरोप लगाया है कि इनके गठबंधन का सिर्फ एक ही मकसद है कि,” इनकी लूट की दुकान चलती रहे।”