नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से मतदाता सूची में डुप्लिकेट प्रविष्टियों की शिकायत उठाने वाली याचिका पर गौर करने को कहा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह उचित होगा कि याचिका की एक प्रति ईसीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को दी जाए।
पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने चुनाव आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को नोटिस जारी करना स्थगित कर दिया।
याचिकाकर्ता संगठन संविधान बचाओ ट्रस्ट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने दलील दी कि मतदाता सूची केवल उन व्यक्तियों के संबंध में अद्यतन की गई थी जिनकी मृत्यु हो गई है या जिन्होंने अपना निवास स्थान बदल लिया है।
अरोड़ा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मतदाता सूची में नामों के दोहराव को संबोधित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया और यही प्रक्रिया इस साल जुलाई और अगस्त के बीच पूरी होनी चाहिए थी।
उन्होंने विशेष रूप से मतदाता सूची के अद्यतनीकरण के संबंध में उत्तर प्रदेश में जारी प्रारूप का उल्लेख किया, जहां डुप्लिकेट प्रविष्टियों से निपटने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर 27 नवंबर को सुनवाई करेगा।
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