पूरा देश पिछले 3 साल से कोरोना की मार को झेल रहा है। कोरोना महामारी के कारण भारत में लाखों लोगों की मृत्यु हो गई। इस महामारी के दौरान कई लोगों ने अपनों को खो दिया।
वहीं, अब एक बार फिर से एक नई महामारी की चर्चा जोरों पर हो रही है। दुनिया को एक बार फिर से एक नई महामारी का सामना करना पड़ सकता है जो कोविड से ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। इस महामारी को लेकर चेतावनी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के चीफ डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने हाल ही में जिनेवा में हुई वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में दी है।
टेड्रोस ने इस बैठक में कहा था कि ‘एक और महामारी कभी भी आ सकती है जिससे भयंकर बीमारी फैल सकती है और बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो सकती है। हमें इसका सामना करने के लिए सामूहिक रूप से तैयार रहना चाहिए। बेशक दुनिया भर में कोविड का प्रकोप कम हुआ है लेकिन अभी भी एक अन्य प्रकार की महामारी की संभावना बनी हुई है जिसके कारण मरीजों और लोगों की मौतों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
WHO ने कुछ ऐसे संक्रामक रोगों की पहचान की है, जो अगली महामारी का कारण बन सकते हैं। इन बीमारियों में इबोला वायरस, मारबर्ग, मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, कोविड-19, जीका और शायद सबसे भयानक बीमारी एक्स (Disease X) है। आइए इस खबर में जानते हैं कि क्या है डिजीस X और कैसे होगा दुनिया पर इसका असर।
‘डिजीज एक्स’ (What is Disease X) कोई बीमारी नहीं बल्कि एक टर्म है। यह सबसे भयानक बीमारी हो सकती है। Disease X टर्म का इस्तेमाल WHO द्वारा प्लेसहोल्डर के रूप में एक ऐसी बीमारी का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मानव संक्रमण के कारण पैदा होती है और मेडिकल साइंस के लिए फिलहाल अज्ञात है।
अगर इसे आसान शब्दों में समझें तो ‘Disease X’ एक ऐसी बीमारी हो सकती है जो आगे चलकर एक भयानक महामारी में भी बदल सकती है और वैज्ञानिकों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
उदाहरण के लिए कोरोना वायरस भी पहले ‘Disease X’ ही था। WHO ने 2018 में पहली बार ‘Disease X’ टर्म का इस्तेमाल किया था। बाद में ‘Disease X’ को Covid-19 से रिप्लेस कर दिया गया। ऐसा ही अगली बार होगा जब किसी महामारी के बारे में पता चलेगा तो मौजूदा ‘Disease X’ को उस बीमारी के नए नाम से बदल दिया जाएगा।
आने वाले समय में Disease X एक घातक बीमारी बन कर उभरेगी। इसलिए स्वास्थ्य को देखते हुए अभी से ही लोगों को सतर्क होने की आवश्यकता है। इस बात की भी चिंता है कि जब कोरोना आया था तब इसके इलाज को लेकर कोई दवा या टीका भारत में मौजूद नहीं था। ठीक वैसे ही इस समय ‘डिजीज एक्स’ को लेकर भी कोई दवा नहीं किया जा रहा है।
हालांकि ये माना जा रहा है कि डिजीज एक्स कोई वायरस, बैक्टीरिया या फंगस हो सकता है और इसके लिए कोई टीका या उपचार नहीं होगा। रिपोर्टों के मुताबिक, ऐसा भी हो सकता है कि ‘Disease X’ पहले जानवरों में फैला था और फिर उससे इंसान संक्रमित होने लगें।
वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि अगला डिजीज X जूनोटिक होगा, जिसका अर्थ है कि यह जंगली या घरेलू जानवरों में पैदा होगा। इबोला, HIV/AIDS और COVID-19 जूनोटिक प्रकोप थे।
हालांकि इस समय Disease X को लेकर कोई भी सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। वहीं, Disease X को लेकर कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अगली महामारी किसी वायरस या बैक्टीरिया की वजह से भी फैल सकती है। यह भी माना जा रहा है कि Disease X किसी प्रयोगशाला में हुई दुर्घटना या बायोलॉजिकल अटैक की वजह से भी पैदा हो सकती है।
Disease X वायरस, बैक्टीरिया या फंगस में से कुछ भी हो सकता है। जो पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। बता दें कि WHO ने पहली बार Disease X का इस्तेमाल साल 2018 में किया था, जिसके बाद कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में आतंक मचाया और कोरोना संक्रमण के कारण पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मृत्यु भी हुई।
बाल्टिमोर में जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल हेल्थ के शोधकर्ता प्रणब चटर्जी ने द नेशनल पोस्ट को बताया है कि Disease X (Disease X symptoms) ज्यादा दूर नहीं है, अभी ये कहना गलत नहीं होगा। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि कोरोना वायरस की तरह ही डिजीज X पहले जानवरों में फैले और इसके बाद इंसानों में। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
Disease X को लेकर लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इसके प्रकोप को रोकने के लिए और इसका मुकाबला करने के लिए दुनियाभर के मेडिकल एक्सपर्ट सभी संभावित उपाय, शोध और निगरानी कर रहे हैं। कुल मिलाकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड-19 महामारी दुनिया पर कहर बरपाने वाली पहली या आखिरी बीमारी नहीं है। दुनिया को अगले प्रकोप की तैयारी करने की जरूरत है।
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