केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र जमीनी स्तर पर पहुंच गया है। आतंकी घटनाओं में तेज गिरावट आई है। गृहमंत्री वर्चुअल माध्यम से गुजरात विश्वविद्यालय में हो रहे एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीर कई संस्कृतियों से बना है और भारत माता का मुकुट है। इसमें इस्लाम, बौद्ध धर्म, शंकराचार्य की शिक्षाएं और सूफीवाद है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की बदौलत कश्मीर में आज आतंकवाद और पथराव की घटनाओं में कमी देखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर (जम्मू और कश्मीर) में 90 विधायक और छह सांसद हुआ करते थे। आज 30,000 से अधिक पंच, सरपंच के साथ-साथ तहसील और जिला पंचायत के सदस्य लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक समय था जब कश्मीर में बम विस्फोट, हमले और पथराव आम बात थी। आज कश्मीरी युवा हाथों में किताबें और लैपटाप लिए हुए हैं। नई सोच के साथ ये स्टार्टअप के क्षेत्र में भी दुनिया के युवाओं को चुनौती दे रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले साल करीब 1.80 करोड़ पर्यटक कश्मीर आए थे। उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत संस्कृतियों और भाषाओं का मिश्रण है, लेकिन इसने हमेशा सह-अस्तित्व के विचार का पालन किया है। देश की विविधता इसकी ताकत है, न की कमजोरी। लेकिन, उस विचार को बनाए रखने के लिए हमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को धरातल पर लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में वर्तमान में हो रहे बदलाव कश्मीर के बच्चों के साथ-साथ देश के सभी युवाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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