सुप्रीम कोर्ट आज 12 मई शुक्रवार को फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और तमिलनाडु में इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। फिल्म निर्माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया।
रिपोर्ट के अनुसार, एक जेडीयू नेता ने कहा, ‘क्षेत्रीय दल का नेता होने के नाते पटनायक ने कभी भी राष्ट्रीय महत्वकांक्षा नहीं रखी। अब अगर वह विपक्षी गठबंधन में आते, तो संकेत मिलते कि उन्होंने कांग्रेस के नीचे भूमिका निभाने में हामी भर दी है। इसका मदद से भाजपा कांग्रेस विरोधी बीजद मतदाताओं में सेंध लगा देती और साथ ही पटनायक को भी इससे नुकसान होता।’
उन्होंने कहा, ‘ओडिशा में 2024 में विधानसभा चुनाव होने के चलते वह यह जोखिम नहीं उठा सकते थे। भाजपा और कांग्रेस से उनकी दूरी एक सोची समझी रणनीति है और नीतिश कुमार यह बात जानते हैं।’
क्या था नीतीश का प्रस्ताव?
माना जा रहा है कि नीतीश ने हर सीट पर एकजुट विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करने का सुझाव दिया था। खास बात है कि 21 लोकसभा सीटों वाला ओडिशा नीतीश की यात्रा में बड़ा पड़ाव था, जहां उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। एक ओर जहां नीतीश 2022 में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) से अलग हो गए थे। जबकि, पटनायक 2008 में ही इसे अलविदा कह चुके हैं।
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