उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में अपने राष्ट्रीय और दिल्ली राज्य इकाई के पार्टी कार्यालयों के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आप ने याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की कि वह यह सुनिश्चित करे कि आवंटित भूमि नई दिल्ली में केंद्रीय रूप से स्थित क्षेत्रों में हो और बाधाओं और अतिक्रमण से मुक्त हो। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्र सरकार के साथ-साथ आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के भूमि और विकास अधिकारी को छह सप्ताह में याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई 23 अप्रैल तय की है।
आप ने अपनी राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को देखते हुए तर्क दिया कि वह अपनी राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों के कार्यालयों के निर्माण के लिए कुल 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्र की हकदार है। याचिका में 13 जुलाई 2006 का ज्ञापन स्पष्ट रूप से दोनों सदनों में 15 सांसदों वाले सभी राष्ट्रीय दलों को 500 वर्ग मीटर तक भूमि आवंटन का प्रावधान करता है। इसके अलावा यह दिल्ली राज्य इकाइयों के लिए 500 वर्ग मीटर तक भूमि के अतिरिक्त आवंटन का भी प्रावधान करता है, जहां राष्ट्रीय पार्टी का दिल्ली राज्य विधानमंडल में प्रतिनिधित्व है।
यह भी तर्क दिया गया कि चूंकि केंद्र सरकार ने अन्य राजनीतिक दलों को कार्यालय परिसर के निर्माण के लिए भूमि आवंटित की है, इसलिए यह सुनिश्चित करना उनका दायित्व है कि इसी तरह का आवंटन आप के पक्ष में भी किया जाए। आप ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता मिलने के छह महीने बाद भी दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी को जमीन आवंटित करने से सरकार का इनकार न केवल मनमाना, बल्कि भेदभावपूर्ण भी है।
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