ब्याज दर घटाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये ग्राउंड से मिलने वाले डाटा पर निर्भर करता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से बुधवार को कहा गया कि ब्याज दर को गिराना उनके हाथ में नहीं है, बल्कि ये ग्राउंड से मिलने वाले डाटा पर निर्भर करता है। अगले महीने जून में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक होने वाली है।
अप्रैल में पेश की गई में आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था और रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। इससे पहले मई 2022 से केंद्रीय द्वारा रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इस कारण लोन की ईएमआई में भी इजाफा हुआ है।
सीआईआई की ओर से आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में दास ने कहा कि ब्याज दर कम करना हमारे हाथ में नहीं है। यह जमीनी डाटा पर निर्भर करता है। बाजार का ट्रेंड और महंगाई का डाटा काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति अभी नियंत्रण में है और बहुत तेज गिरावट के आसार नहीं है।
दास के मुताबिक, मई में खुदरा महंगाई दर 4.7 प्रतिशत के नीचे रहने का अनुमान है। अप्रैल में ये 4.7 प्रतिशत से कम रही थी। बता दें, खुदरा महंगाई दर की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 6 प्रतिशत से नीचे आ गई है। इसके बाद से अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्द आरबीआई ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है।
आरबीआई गवर्नर द्वारा कहा गया कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम मजबूत बना हुआ है। बैंकों की कैपिटल, लिक्विडिटी पॉजिशन और एसेट क्वालिटी आदि भी तेजी से सुधर रही है।
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