इंदौर के सरकारी अस्पतालों में शाम की ओपीडी की व्यवस्था पहले ही दिन ध्वस्त हो गई। ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी कक्ष के दरवाजे पर ताला लटका रहा। न डाक्टर पहुंचे, न कर्मचारी। इक्का-दुक्का अस्पतालों में डाक्टर पहुंचे भी तो देरी से। इसके चलते पहले दिन शाम की ओपीडी का फायदा आम लोगों को नहीं मिल सका।
शुक्रवार से ही स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों में ओपीडी का समय बदला गया है। अब तक ओपीडी सुबह 9 से शाम 4 बजे तक लगती थी, लेकिन शुक्रवार से इसे दो शिफ्ट में सुबह 9 से दोपहर 2 और शाम 5 से 6 बजे तक कर दिया गया है। नईदुनिया ने अस्पतालों का जायजा लिया तो पता चला कि डाक्टर दोपहर 2 बजे अस्पताल से तो रवाना हो गए, लेकिन वे शाम को ओपीडी में पहुंचे ही नहीं। ओपीडी कक्ष के दरवाजे पर लगा ताला लोगों को मुंह चिढ़ाता रहा।
स्थान – जिला अस्पताल, समय – शाम 5.05 बजे
ओपीडी कक्ष के दरवाजे पर ताला था। अस्पताल में शाम की ओपीडी शुरू होने की कोई सूचना चस्पा नहीं थी। पूछने पर कर्मचारियों ने बताया कि डाक्टर दोपहर में ही चले गए। शाम की ओपीडी को लेकर कोई जानकारी उनके पास नहीं थी।
स्थान – मल्हारगंज अस्पताल, समय – शाम 5.20 बजे
ओपीडी कक्ष के दरवाजे पर ताला था। शाम की ओपीडी को लेकर कोई सूचना नहीं थी। अस्पताल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि शाम की ओपीडी शुरू होने के संबंध में कोई आदेश नहीं मिला। अस्पताल में एक भी डाक्टर मौजूद नहीं था।
स्थान – पीसी सेठी अस्पताल, समय -शाम 5.20 बजे
शाम की ओपीडी शुरू होने की कोई सूचना चस्पा नहीं थी। कर्मचारियों ने बताया कि सुबह की ओपीडी में 15 डाक्टरों की ड्यूटी थी। सभी को शाम को आना था, लेकिन शाम को सिर्फ एक डेंटिस्ट नजर आई। शाम 5.15 बजे एक और डाक्टर ओपीडी में पहुंचे।
व्यवस्था सुधारेंगे – इंदौर के सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या का कहना है कि अस्पतालों में शाम की ओपीडी शुरू करने के संबंध में सुबह ही आदेश जारी कर दिया था। डाक्टरों को शाम 5 बजे पहुंचना था, लेकिन सूचना मिली है कि वे नहीं पहुंचे। हमने सभी से समय पर ओपीडी में पहुंचने के लिए कहा है। एक-दो दिन में व्यवस्था