इजरायल की एक जासूसी फर्म ने भारत समेत दुनिया के 30 से ज्यादा देशों के चुनाव में दखल देने का आरोप लगाया है। इस आरोप के बाद से देश में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। इसी कड़ी में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से ईवीएम यानी की इलेक्ट्रानिक मतदान मशीन को लेकर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि अगर ईवीएम से चुनाव होते है तो वोटिंग के दौरान निकलने वाली वीवीपेट पर्ची को अलग मतपेटी में रखा जाए। इससे आसानी से गिनती भी हो सकेगी और चुनाव पर कोई सवाल भी नहीं उठाएगा।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इजरायल की फर्म ने एक साफ्टवेयर के जरिए भारत समेत दुनिया के लगभग 30 देशों में फर्जी इंटरनेट मीडिया मुहिम चलाई थी, जिससे चुनाव प्रभावित हो सके।
आज यानी रविवार सुबह दिग्विजय सिंह ने इस मामले को लेकर तीन ट्वीट किए। इन तीनों ट्वीट में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर संगीन आरोप लगाए है। उनके इस ट्वीट के मुताबिक, भाजपा चुनावों में धांधली करती आई है। ईवीएम हैक होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
सिंह ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से मांग की है कि वीवीपेट स्लिप सात सेकंड दिखा कर डब्बे में गिराने के बजाय वोटर के हाथ में दे दिया जाए और फिर वीवीपेट स्लिप को बिना ‘चिप’ के मतपेटी यानि की बैलट बाक्स में डाल दिया जाए। इससे वीवीपेट स्लिप की गिनती भी आसानी से हो जाएगी और चुनाव में पारदर्शिता बनी रहेगी।
दिग्विजय सिंह का मानना है कि कोई भी मशीन जिसमें चिप का इस्तेमाल होता हो, वो आसानी से हैक हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग से कई सवाल पहले ही पूछे जा चुके हैं लेकिन उनकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिला। सिंह के मुताबिक, देश के ज्यादातर राजनीतिक दल ईवीएम से चुनाव कराए जाने पर भरोसा नहीं करते है।
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