कर्नाटक की जीत कांग्रेस पार्टी के लिए सिर्फ एक राज्य की सत्ता पर काबिज होने तक सीमित नहीं है बल्कि यह उसके लिए एक संजीवनी की तरह है, जिसका असर इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में दिखेगा। जहां पार्टी पूरी ताकत और उत्साह के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। वैसे भी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसका सीधा मुकाबला भाजपा से ही है। इन राज्यों में कांग्रेस पहले से ही काफी मजबूत है।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तो वह पहले से ही सत्ता पर काबिज है जबकि मध्य प्रदेश में सिंधिया की बगावत के बाद उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। पार्टी ने इन राज्यों में कर्नाटक की तर्ज पर काम शुरू किया है। चुनाव के ठीक पहले पार्टी ने छत्तीसगढ़ में भाजपा के दिग्गज और आदिवासी नेता नंदकुमार साय को कांग्रेस पार्टी में शामिल कराके अपनी ताकत दिखाई है।
मध्य प्रदेश में भी इसी तर्ज पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्य मंत्री रहे कैलाश जोशी के बेटे और तीन बार के विधायक रहे दीपक जोशी को कांग्रेस में शामिल कराया। दीपक जोशी शिवराज सिंह की कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके है।
राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच बढ़ते टकराव से पार्टी की चिंताएं जरूर बढ़ी हुई है। हालांकि पार्टी ने इसे थामने के लिए उच्च स्तर पर मंथन शुरू कर दिया है। राहुल गांधी खुद इस मामले में रूचि ले रहे है। कांग्रेस पार्टी इस साल के अंत तक होने वाले पांच राज्यों के चुनावों को लेकर इसलिए भी उत्साहित है, क्योंकि उसके सामने मुकाबले में खड़ी पार्टियों की स्थिति भी ठीक नहीं है। राजस्थान की बात करें तो उसके सामने मुख्य और सीधे मुकाबले में खड़ी भाजपा अंदरूनी लड़ाई से जूझ रही है। वसुंधरा राजे को लेकर पार्टी की रुख अभी भी साफ नहीं है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास भूपेश बघेल के सामने कोई बड़ा चेहरा नहीं है। मध्य प्रदेश में भी भाजपा और सिंधिया गुट के बीच भारी बड़े स्तर पर अंदर ही अंदर खींचतान चल रही है। पार्टी का मानना है कि इन सभी राज्यों में उनके लिए स्थितियां पूरी तरह से अनुकूल है।
वहीं तेलंगाना में पार्टी ने सक्रियता बढ़ाई है। हाल ही में प्रियंका गांधी ने वहां एक बड़ी रैली कर पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरने के संकेत दिए है। वहां उसके खिलाफ लड़ाई में केसीआर है। इस साल के अंत तक जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है, उनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम शामिल है।
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