कॉन्क्लेव से स्टेट पार्टनर के रूप में जुड़ कर उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य में MSME के विकास की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बता दें कि Jagran BADLAV MSME कॉन्क्लेव का आयोजन 3 जुलाई को सुबह 10 बजे हुआ। उत्तराखण्ड में MSMEs के लिए एक आदर्श वातावरण तैयार हुआ है जिसकी वजह से यहां पर स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी देखने को मिल रही है।किसी देश या राज्य को मजबूत बनाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था का मजबूत होना बेहद आवश्यक है। खासतौर पर भारत जैसे देश में जहां पूरी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा छोटे उद्यमों पर निर्भर है, ऐसे में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों का विकास बेहद जरूरी है। जिसके लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकारें कई महत्वपूर्ण कदम भी उठा रही हैं। इसी क्रम में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है।
उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य में MSME के विकास के लिए मूलभूत परिवर्तनों पर ध्यान दिया है। जिसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, फंड रेज करने व लोन की आसान प्रक्रिया, नए स्टार्टअप्स के मार्गदर्शन के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर आदि कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उत्तराखण्ड सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जिनके द्वारा राज्य में एक आदर्श स्टार्टअप कल्चर विकसित हुआ है। राज्य सरकार द्वारा शूरू की गयी प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं-
इस नीति के तहत राज्य में स्टार्टअप के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जिसमें 1000 स्टार्टअप का लक्ष्य व हर जिले में एक इन्क्यूबेशन सेंटर खोलने की बात की गयी है। साथ ही रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को 15000 रुपये तक का मासिक भत्ता, 10 लाख तक की सीड फंडिंग, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 1 लाख व 5 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति सहायता आदि महत्वपूर्ण घोषणाए हैं।
इस नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा निजी औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए मैदानी क्षेत्रों में कम से कम 30 एकड़ व पर्वतीय क्षेत्रों के लिए कम से कम 2 एकड़ भूमि देने की बात की गयी है। साथ ही 18000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में आईटी पार्क के विकास का भी प्रावधान है। इसके अतिरिक्त औद्योगिक क्षेत्र में सामान्य सुविधाओं के लिए 10 लाख रुपये प्रति एकड़ की राशि की सहायता भी प्रदान की जाएगी।
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा यह नीति लागू की गयी है। उत्तराखण्ड राज्य में आय का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन से भी आता है और पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को भी MSMEs के तहत रखा जाता है। इस नीति के तहत मार्केटिंग, कौशल विकास, ब्याज में सहायता, ऑनलाइन बुकिंग के लिए जरूरी ट्रेनिंग व अन्य सहायता आदि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही हैं।
इन नीतियों के अतिरिक्त और भी कई महत्वपूर्ण योजनाएं हैं जो राज्य सरकार ने शुरू की हैं। इनमें से प्रमुख हैं- मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति 2021, MSME नीति 2015, उत्तराखण्ड लॉजिस्टिक नीति 2023 आदि। इन सभी योजनाओं व नीतियों से उत्तराखण्ड में MSMEs के लिए एक आदर्श वातावरण तैयार हुआ है जिसकी वजह से यहां पर निवेश व स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी देखने को मिल रही है।
Jagran BADLAV MSME कॉन्क्लेव से स्टेट पार्टनर के रूप में जुड़ कर उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य में MSME के विकास की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बता दें कि Jagran BADLAV MSME कॉन्क्लेव का आयोजन 3 जुलाई को सुबह 10 बजे हुआ।
MSMEs की जरूरतों व चुनौतियों को समझने के लिए Jagran BADLAV एक खास आयोजन रहा। ऐसे में MSMEs के लिए यह इवेंट बेहद जरूरी है। अगर आप भी MSME के फाउंडर या संचालक हैं तो इस इवेंट में आपको अन्य एक्सपर्ट व लीडर्स से नेटवर्किंग का भी खास मौका मिलेगा। आप इस इवेंट से डेलीगेट के रूप में भी जुड़ सकते हैं। इस इवेंट से जुड़ने व अधिक जानकारी के लिए विजिट करें
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