बिलासपुर—गोलबाजार व्यापारी ने कलेक्टर दरबार में पहुंचकर एतिहासिक मंदिर बजाने की गुहार लगायी है। व्यापारी ने कलेक्टर से लिखित शिकायत में बताया कि गोलाबाजार के अन्दर स्थित मंदिर करीब 100 साल से अधिक पुराना है। सही तरीके से रख रखाव नहीं होने के कारण एतिहासिक मंदिर जर्जर हो चुकी है। बावजूद इसके पुजारी का बेटा.. निगम अधिकारियों से सांढ गांठ कर मंदिर को किराया पर चढ़ा दिया है। दुख की बात है कि मंदिर से जूता चप्पल का व्यापार किया जा रहा है। ना केवल आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है..बल्कि जर्जर मंदिर से व्यापार का संचालन कर हादसे को निमंत्रण दिया जा रहा है।
गोल बाजार व्यवासायी विकास टेकचन्दानी ने बताया कि गोलबाजार स्थित ऐतिसाहिक हनुमान मंदिर को जूता चप्पल का दुकान बना दिया गया। इस षड़यंत्र के पीछे निगम की भूमिका है। टेकचंदानी ने बताया कि गोलबाजार स्थिल एतिहासिक मंदिर करीब 100 से अधिक पुराना है। तत्कालीन समय नागेश तिवारी को मंदिर में पूजापाठ की जिम्मेदारी दी गयी थी। समय के साथ जर्जर मंदिर को सुरक्षा के मद्देनजर बन्द कर दिया गया।
समयान्तराल पुजारी पुत्र सुरेश तिवारी ने निगम प्रशासन की संपत्ति मंदिर को अपना बताकर कब्जा कर लिया है। इसके बाद मंदिर को जूता चप्पल के व्यापारी को किराये पर चढ़ा दिया। विकास ने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है। इस पर निगम प्रशासन का अधिकार है। बावजूद इसके नागेश तिवारी मंदिर के सामने जूता चप्पल का बाजार लगाने वाले से 40 हजार रूपये प्रति माह किराया लेता है।
मंदिर के सामने वाले कमरे में जूता चप्पल का स्टोर किया जा रहा है। सब कुछ जानते हुए भी निगम प्रशासन मौन है। इससे जनता की आस्था को चोट पहुंच रही है। विकास ने बताया कि तथाकथित कब्जेदार पुजारी पुत्र सुरेश तिवारी और निगम अधिकारियों के बीच गहरी सांठ गांठ है। यही कारण है कि विरोध के बावजूद व्यापारी बेखौफ होकर जूता चप्पल का बाजार मंदिर से बेधड़क चला रहा है।
विकास ने कहा मंदिर की हालत काफी जर्जर है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। शायद इसके बाद ही प्रशासन की आंख खुलेगी। शिकायत के बाद भी यदि प्रशासन ने लोगों की आस्था का सम्मान नहीं किया तो हम इसका ना केवल पुरजोर विरोध करेंगे। व्यापारी से सांठगांठ करने वाले निगम अधिकारी का भी नाम उजागर करेंगे। साथ ही मंदिर का जीर्णोद्धार भी करेंगे।