गोवर्धन सिन्हा@डोंगरगांव : खुज्जी स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर से लगे एक बन्द पड़े मकान के शटर मे आये करंट की चपेट में आने से गांव के 14 वर्षीय बालक महेस मालेकर पिता विक्रम मालेकर की मौत से पूरे गांव में मातम छा गया,
घटना दिनांक 6 अक्टूबर दोपहर दो बजे की है, जब गांव में सरस्वती विसर्जन की यात्रा निकाली गई थी ,उक्त बालक भी विसर्जन झांकी देखने गया था उसी बीच तेज बारिश शुरू हो गई थी जिससे बचने के लिए पास में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के पास गांव के ही धनेश देवांगन के बंद पड़े,दुकान की शटर का सहारा लेकर खड़ा हो गया था, तभी शटर में प्रवाहित हो रहे करंट ने बालक को अपनी चपेट मे ले लिया। गांव के ही कुछ युवकों के द्वारा मामले को समझते हुए बालक को लकड़ी के सहारे शटर से अलग किया गया ।
आनन- फानन में गांव के सरपंच के चार पहिया वाहन से डोंगरगांव सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए मरचुरी भेज दिया , लेकिन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने एक्सपर्ट राय लेने की बात कहते हुए मृत बालक को राजनांदगांव रिफर कर दिया।
आश्चर्य की बात यह है कि जिस शटर में करंट लगा वहाँ बिजली व्यवस्था ही नहीं थी
मामले में सबसे बड़ी बात सामने आ रही है वह यह है कि जिस शटर वाले मकान में घटना हुई वहां बिजली ही नहीं है। बताया जा रहा है जिस जगह घटना हुई है उस घर मे बिजली लगी ही नहीं है किंतु उसी के ऊपर से पास में ही स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के लिए बिजली का सर्विस तार गया हुआ है जिसे ऊंचा करने के लिए शटर के ऊपर छत में लोहे का एंगल लगाया गया है जिससे सर्विस तार को बांधा गया था जिसके छिल जाने की वजह से शटर में करंट आने की बात भी कही जा रही है।
पहले भी आ चुका है करंट,स्कूल प्रबंधन द्वारा की गई थी अनदेखी
सरस्वती शिशु मंदिर में इससे पहले भी करंट आया था लेकिन प्रबंधन इस मामले पर चुप्पी साधे बैठी रही,बिजली व्यवस्था दुरुस्त नही की गई थी जिसका खामियाजा बालक को उठाना पड़ा।। इससे पहले बारिस की स्थिति में घटना स्थल से लगे शिशु मंदिर के लोहे की खिड़कियों में भी कई बार करंट आने की बात सामने आ रही है जिसकी शिकायत भी संस्था के प्राचार्य के द्वारा बिजली विभाग को नही दी गई है जो घोर लापरवाही को दर्शाता है विदित हो कि मृत बालक महेस मालेकर भी सरस्वती शिशु मंदिर मे कक्षा 07वी का छात्र था ।
बालक की मौत से पूरे गांव में सदमे का माहौल है वहीं सरस्वती शिशु मंदिर की ओर से पालक परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने कोई भी नहीं पहुंचा ।यह बहुत गंभीर विषय है।
इधर परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
वही बालक की हुई मृत्यु पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाया है। साथ ही समय रहते उपचार नहीं करने और पर्याप्त सुविधा उपलब्ध न होने के कारण बालक की जान चली गयी ।
प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी ने कहा सुविधाओं का अभाव है
प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी श्री अजय नायक ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त सुविधाओ का अभाव है,और साथ स्टॉफ की कमी है, इस कारण उपचार नही हो पाती और ecg के लिए बाहर भेजना पड़ता है। मशीन है किंतु टेक्नीशियन नही है। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी सफाई में कहा कि जब बालक को अस्पताल लाया गया तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। मामले की गंभीरता को समझते हुए हमारे तरफ से पूरा प्रयास किया गया की परिजन को कोई परेशानी न हो।
बुझ गया घर का चिराग,परिजन मातम में डूबे
मिली जानकारी अनुसार मृत बालक अपने माता पिता का एकलौता पुत्र था और उसकी एक बहन थी,अब घर परिवार पर मातम पसरा हुआ है, बहन अब किसके कलाई पर बँधेगी राखी,।