कनाट प्लेस को दिल्ली का दिल कहा जाता है, ऐसे में इसके नजदीक नवनिर्मित बनकर तैयार हुई सेंट्रल विस्टा (Central Vista) को लेकर माना जा रहा है कि राष्ट्रीय राजधानी का चेहरा बनेगी।
चारों तरफ हरियाली के बीचों बीच बनी झीले लाल ग्रेनाइट पत्थर से बना आकर्षित वाक-वे (चलने का स्थान), आधुनिक स्ट्रीट लाइट, राजपथ की पहचान बने बोलार्ड और भारी भरकम जंजीरे लोगों को काफी पंसद आएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ सितंबर को इसका उद्धाटन कर नागरिकों समर्पित कर देंगे। दिल्ली में पिकनिक स्पाट के लिए प्रसिद्ध इंडिया गेट के आस-पास के इस सुंदरीकरण के कार्य का नागरिक आनंद ले सकेंगे।
खास बात यह होगी कि यहां आने के लिए नागरिकों को अपने वाहनों की पार्किंग ज्यादा दूर नहीं करनी होगी बल्कि परियोजना में ही पार्किंग की व्यवस्था की गई है। जहां 24 घंटे सुरक्षा होगी।
देश के साथ विदेश आने वाले मेहमाने के लिए भी यह आकर्षण का स्थल बनेगा, क्योंकि इसके सामने ही राजपथ हैं तो संभव है कि आने वाले समय में विदेशी मेहमान देश की प्रमुख हस्तियों के साथ यहां पर चलते हुए नजर आएं।
16 किलोमीटर लंबे चलने का स्थान है। इसके साथ ही लाल ग्रेनाइट पत्थर की 422 बेंच लोगों के बैठने के लिए लगाई गई है।
एक हजार से अधिक लाइट पोल हैं। साथ ही एक हजार से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी है ।बाक्सपेड़ पौधों को मशीनों से ही दिया जाएगा पानीसेंट्रल विस्टा परियोजना की सुंदरता को यहां की हरियाली ही चार चांद लगाती है। चारों तरफ पुराने और लंबे पेड़ के साथ हाल ही में रोपित किए गए पौधे भी इसको और आकर्षित बनाएंगे।
ऐसे में यहां पेड़ों को पानी देने के लिए आधुनिक सिंचाई की व्यवस्था की गई है। जिसमें बहुत ही महीन सिंचाई उपकरण लगाए गए हैं। इसमें मानवीय श्रम नहीं लगेगा। घास से लेकर पौधों की सिंचाई मशीनों द्वारा ही हो जाएगी।
पहले जबकि इसके लिए बढ़े-बढ़े पाइपों का सहारा लेना पड़ता था। जो कि थोड़ा अटपटा दिखाई देता था, क्योंकि कई जगह पाइप के लीक होने से ऐसे स्थान पर भी पानी जमा हो जाता था जो लोगों के लिए आने-जाने में बड़ा उपयोगी है।
सेंट्रल विस्टा चूंकि राष्ट्रपति भवन से कुछ ही दूरी पर हैं और इस परियोजना में अभी प्रधानमंत्री से लेकर उपराष्ट्रपति का आवास भी बनाया जाना है। ऐसे में यहां पर स्वच्छता पूरी रहे इसका पूरा ध्यान रखने की कोशिश हुई है। इसके लिए जगह-जगह कूड़ेदान लगाए हैं।
इनको इस तरह से लगाया गया है कि आस-पास इनके गंदगी न फैले। इसके लिए गीला व सूखे कचरे को अलग-अलग डालने के लिए 162 कूड़ेदान लगाए गए।
सेंट्रल विस्टा चूंकि आने वाले समय में विदेश से आने वाले मेहमानों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा ऐसे में यहां पर आकर्षित साइनेज भी लगाए गए हैं। जिन पर सेंट्रल विस्टा से संबंधित जानकारी यहां पर होगी। इसके लिए पूरी सेंट्रल विस्टा परियोजना 114 साइनेज लगाए गए हैं।
सभी कुछ है भूमिगत सेंट्रल विस्टा परियोजना भविष्य को देखकर बनाई गई है। जिसमें कोई तारों का जंजाल दिखाई नहीं देगा। सभी तरह की तारों की व्यवस्था भूमिगत की गई है। इसके लिए विशेष सुरंग बनाई गई है। इसमें बिजली से लेकर सीसीटीवी, इंटरनेट और सेना के उपकरणों से संबंधित सभी तारों को भूमिगत किया गया है।
इतना ही वर्षा के पानी के निकासी के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। यहां पर खुले में मैनहाल दिखाई नहीं देंगे। इसे भी ग्रेनाइट पत्थरों के माध्यम से बनाया गया है।