रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रायपुर के एक पार्षद और एमआईसी सदस्य को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। पार्षद पर पार्टी के ही वरिष्ठ नेता का अपमान करने का आरोप लगा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर यह नोटिस जारी किया गया है। पार्षद को नोटिस का जवाब देने के लिए 3 दिन की मोहलत दी गई है। नोटिस में पार्षद से पूछा गया है कि क्यों न आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया जाएगा।
पीसीसी ने रायपुर के जिस पार्षद को नोटिस जारी किया है उनका नाम नागभूषण राव है। राव बंजारी माता वार्ड क्रमार्क क्रमांक- 05 (भनपुरी) से पार्षद हैं। राव पर पार्टी के वरिष्ठ विधायकों में शामिल सत्यनारायण शर्मा के विरुद्ध् अनर्गल टिप्पणी करने का आरोप है। पार्टी की तरफ से जारी बयान में बातया गया है कि रायपुर ग्रामीण सीट से विधायक शर्मा के विरुद्ध् राव की टिप्पणी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संज्ञान में आया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे गंभीरता से लिया है। वरिष्ठ विधायक के विरुद्ध की गई टिप्पणी अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देशानुसार राव को कारण बताओं नोटिस जारी किया जाता है। जारी नोटिस का लिखित जवाब, स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के 3 दिवस के भीतर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रेषित करें।
पार्टी नेताओं के अनुसार राव किसी समय विधायक शर्मा के बेहद करीबी माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के बीच दोनों के बीच पटरी नहीं बैठ रही है। 2018 के चुनाव में भी राव ने शर्मा की रायपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फार्म ले लिया था, लेकिन बाद में पार्टी के निर्देश के बाद उन्होंने नामांकन फाइल नहीं किया।
जाने क्या है अनर्गल टिप्पणी का मामला
रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे पार्षद राव ने पिछले सप्ताह अपनी ही पार्टी के विधायक शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। आवासीय पट्टा की मांग को लेकर पार्षद राव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भनपुरी के लोग कलेक्टोरेट का घेराव करने पहुंच गए थे। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राव ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को पहले जमीन का पट्टा देने का वादा किया गया था सर्वे में उनका ही नाम सूची से हटा दिया गया। राव ने इसके लिए रायपुर ग्रामीण विधायक शर्मा पर सीधा आरोप लगाया। कहा कि यह सब विधायक की लापरवाही के कारण हुआ है। विधायक की ही लापरवाही का ही नतीजा है कि लोगों को अपात्र घोषित कर दिया गया। जो लड़ाई जनता लड़ रही है उसे विधायक को लड़ना था, मगर विधायक की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को अपात्र घोषित कर दिया गया।