बिलासपुर—शहर ज़िला कांग्रेस कमेटी और परिसीमन समीक्षा समिति के सदस्यों ने कलेक्टर के सामने वार्डों की जनता समेत पार्षद और गणमान्य लोगों का आवेदन देकर दावा-आपत्ति पेश किया। कांग्रेस नेता विजय पाण्डेय,पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय, मेयर रामशरण यादव,सीताराम जायसवाल समेत सभी कांग्रेसियों ने कहा कि परिसीमन टीम ने मुख्यमंत्री और कोर्ट आदेश का सीधा उल्लंघन किया है। इससे बेहतर है कि परिसिमन करायी ही ना जाए। बावजूद इसके हमारी बातों को नहीं माना गया तो हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, महापौर राम शरण यादव, पूर्व विधायक शैलेष पांडेय, सभापति शेख नजीरुद्दीन, पूर्व महापौर राजेश पांडेय,वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, प्रवक्ता ऋषि पांडेय, महामंत्री समीर अहमद, ब्लॉक अध्यक्ष जावेद मेमन,विनोद साहू सीताराम जायसवाल समेत महिला कांग्रेस नेत्रियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अवनीश शरण के सामने परिसीमन के खिलाफ दावा आपत्ती पेश किया है। कलेक्टर से मिलकर कांग्रेसियों ने नए परिसीमन की विसंगतियों को कलेक्टर के सामने रखा है। और अपनी आपत्ती जाहिर किया है।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से मिलकर तकनीकी और व्यवहारिक दोनो पक्षो को रखा है। बताया गया कि सरकार ने नए परिसीमन के मापदण्ड निर्धारित किये है। लेकिन निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। मतदाताओ की संख्या में असमानता है। वार्ड सीमा निर्धारित करते समय भगौलिक क्षेत्रो का भी ध्यान में नही रखा गया है। निर्वाचन नियमावली के अनुसार चुनाव से 6 माह पूर्व निर्वाचन सम्बन्धित सारे कार्य पूर्ण होने चाहिए थे। जबकि निगम चुनाव में मुश्किल से 4 माह ही बचे है। जबकि मतदाता सूची का प्रकाशन होना बाकी है।
महापौर रामशरण यादव ने कहा कि वार्डो में बूथों को जम्प किया गया है। कई वार्डो में बूथ जुड़े हुए नही है, एक वार्ड के बीच मे दूसरा वार्ड शामिल किया गया है। परिसीमन करने वाले अधिकारी नए परिसीमन के नियमों को ध्यान में नही रखे हैं। एक वार्ड में दूसरा वार्ड घुस गया है। निर्देशानुसार सभी वार्डों में आनुपातिक रूप से जनसंख्या होनी चाहिए। लेकिन नए परिसीमन में किसी वार्ड की संख्या 3000 तो किसी की आवादी 14 हजार हो गयी है।
पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि 2018 में निगम में नए क्षेत्रों को जोड़ा गया। इसलिये परिसीमन किया गया। वर्तमान परिसीमन में मुख्य मार्ग, मुख्य चौक –चौराहो को वार्डो की सीमा रेखा नही बनाकर छोटी छोटी गली ,मोंड़ को सीमा निर्धारित किया गया है। कुछ वार्डो का अस्तित्व ही मिटा दिया गया है। परिसीमन में वार्डो में एक निश्चित मतदाता मानकर किया जाना था। लेकिन वार्डो की जनसंख्या 15 हजार हो गयी है। इससे वार्ड का विकास बाधित होगा। वार्डों के लिए सामान पार्षद निधि होती है। ऐसे में 5 हजार तो ठीक है लेकिन 15 हजार आवादी वाले वार्डों के साथ अन्याय होगा।
सभापति शेख नजीरुद्दीन ने कहा कि कुछ समय पहले ही नगर निगम क्षेत्र से बहुत से झोपड़ पट्टी को विकास के नाम पर उजाड़ दिए हैं। आवादी को दूसरी जगह विस्थापित किया गया है। वार्ड की मतदाता सूची में उनका नाम तो है। लेकिन वह लोग कहां है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। मतदाताओ का नाम वहां के मतदाता सूची में जोड़ा जाना चाहिए।