बिलासपुर—-लम्बे समय से हाईकोर्ट मेंं अटके कांग्रेस भवन जमीन आवंटन मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को निराकृत कर दिया है। मामले में कलेक्टर को दो सप्ताह में फैसला करने का आदेश दिया है। फैसला आने के बाद जहां याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। तो जिला कांग्रेस ने आवेदन शुल्क करने के लिए 6 महीने का समय मांगा है।
कैबिनेट प्रस्ताव के बाद जमीन आवंटन
जानकारी देते चलें कि जिला कांग्रेस कमेटी की मांग पर शासन की तरफ से पुराना बस स्टैण्ड में कार्यालय भवन के लिए जमीन आवंटित किया गया। जमीन आवंटन के खिलाफ रजनीश ताम्रकार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया। रजनीश ताम्रकार की तरफ से वकील अभिजीत सरकार ने कोर्ट को बताया कि पुराना बस स्टैण्ड स्थित जमीन की कीमत करोड़ों में है। राजनैतिक पार्टी को कौड़ियों के मोल दिया गया है। शासन के आदेश को निरस्त कर जमीन अस्पताल को दिया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया कि कीमती जमीन किसी राजनैतिक पार्टी को दिया जाना उचित नहीं है। जबकि कार्यालय भवन के लिए पहले से ही निगम ने जमीन आवंटित किया है। जमीन का आवंटन नियम विरूद्ध है।कांग्रेस की तरफ से वकील सुदीप याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि पूर्व सरकार ने जमीन का आवंटन भू राजस्व संहिता के तहत कैबिनेट से प्रस्ताव पारित करने के बाद किया है।
6 महीने का मांगा समय
सुनवाई के दौरान मामला सामने आया कि दो साल पहले कांग्रेस भवन के लिए कलेक्टर बिलासपुर ने 35853 वर्गफुट जमीन के लिए एक करोड़ 77 लाख रूपया जमा करने को कहा था। लेकिन कांग्रेस की तरफ से राशि जमा नहीं हुई। इसी आधार पर याचिकाकर्ता की तरफ से जमीन आवंटन निरस्त करने को कहा गया। कांग्रेस के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मामला कोर्ट में लम्बित था। इसलिए राशि जमा नहीं हुई। वकील ने राशि करने के लिए 6 महीने मांगा।
सुप्रीम कोर्ट की तैयारी
हाईकोर्ट ने दोनो पक्षों को सुनने के बाद याचिका को निराकृत किया। कलेक्टर बिलासपुर को दो स्पताह के भीतर फैसला लेने को कहा है। वहीं याचिकाकर्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। जल्द ही प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।