नोएडा/भारतीय किसान परिषद के तत्वाधान में किसानों का धरना मंगलवार को 36वें दिन भी जारी रहा। दोपहर करीब डेढ़ बजे के आसपास किसान मोदी मॉल के पास एकत्रित हुए। यहां से पैदल मार्च करते हुए डीएम कार्यालय गए। इस बीच विधायक पंकज सिंह के कार्यालय के बाहर भी किसानों ने जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान सड़क के दोनों ओर भारी पुलिस बल और बेरिकडिंग की गई। शाम करीब चार बजे के आसपास डीएम मनीष वर्मा से किसानों ने वार्ता की। इस दौरान किसानों ने 15 सूत्रीय एक ज्ञापन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम डीएम को सौंपा। इसके साथ ही कुछ किसान चिल्ला बॉर्डर पर भी पहुंच गए।
किसानों ने गौतमबुद्ध नगर के सांसद से मिलने की मांग की। इसके बाद सांसद ने किसानों से मुलाकात की और उन्हें समझा-बुझा कर वापस भेजा। परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा, “कुछ भी हो जाए, हम अपना हक लेकर जाएंगे। इसके लिए हमें दिल्ली कूच करना, पड़े हम जाएंगे। विधायक से लेकर सांसद तक का घेराव करेंगे। प्राधिकरण और एनटीपीसी की तालाबंदी भी की जाएगी।”
इसके बाद हजारों की संख्या में पुरुष, युवा और महिला किसान हाथों में तिरंगा लेकर निकल पड़े। जिस तरफ से किसान निकले, उस रूट को ट्रैफिक के लिए बदल दिया गया। पूरी सड़क पर सिर्फ किसान ही किसान नजर आए। करीब डेढ़ घंटे पैदल मार्च के बाद किसान डीएम कार्यालय पहुंचे। यहां वे सड़क बैठ गए। डीएम ने किसानों की समस्यओं को सुना और आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर सक्षम अधिकारियों के साथ बातचीत की जाएगी। इस मौके पर किसानों ने जन प्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और उनके खिलाफ नारेबाजी की।
डीएम से वार्ता के दौरान परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि 9 सितंबर 2021 से 29 दिसंबर 2021 तक चले प्रदर्शन के दौरान 31 दिसंबर 2021 को भारतीय किसान परिषद और प्राधिकरण अधिकारियों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें 15 सूत्री मांगों पर लिखित में आश्वासन दिया गया था। इसमें सभी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूमि का अधिकार प्राधिकरण द्वारा दिया जाए। मांगें थीं – किसानों की आबादी का पूर्ण निस्तारण कर रेवेन्यू रिकार्ड से प्राधिकरण का नाम हटाकर काश्तकार का नाम चढ़ाया जाए। आबादी विनयमावली 2011 के अनुसार 450 वर्गमीटर की सीमा को 1000 वर्गमीटर किया जाए। ग्रमा में पेरीफेरी के अंदर अधिग्रहीत आबादी में रहने वाली पुश्तैनी किसानों के विनिमय के लिए कब्जा दस्तावेज के आधार पर किया जाए। 5 प्रतिशत विकसित भूखंड पर पूर्व में संचालित कमर्शियल गतिविध करने की नीतिगत अनुमति दी जाए। नोएडा प्राधिकरण के 81 गांव में विकास भूलेख विभाग में न रोककर सुचारु रूप से कार्यपाली किया जाए। गांव में निर्माणाधीन मकानों पर भवन नियमावली लागू नहीं की जाए।
सुखबीर खलीफा ने कहा, “नोएडा प्राधिकरण को काफी समय दिया गया। आश्वासन मिलने के बाद चेयरमैन से वार्ता की गई। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला। इसलिए 18 जनवरी को नोएडा प्राधिकरण पर तालाबंदी की जाएगी। किसी भी अधिकारी को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। इस दौरान यदि जेल जाना पड़े तो वो भी स्वीकार होगा।”
कुछ किसान चिल्ला बॉर्डर पर भी पहुंच गए थे। वे सांसद से मिलने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद सांसद महेश शर्मा मौके पर पहुंचे और किसानों को समझा-बुझकर वापस भेजा।