इजरायल-गाजा युद्ध में सबकुछ तबाह होने के बाद अब धीरे-धीरे मलबे को हटाया जा रहा है। इमारतों के मलबे के नीचे काफी शव दबे हो सकते हैं। आलम यह है कि युद्ध प्रभावित क्षेत्र में सैंकड़ों लोग नंगे हाथों से या फावड़े की मदद से मलबे को हटा रहे हैं। मलबे के नीचे काफी शवों के दबे होने की आशंका है।
इजरायल-गाजा युद्ध में सबकुछ तबाह होने के बाद अब धीरे-धीरे मलबे को हटाया जा रहा है। इमारतों के मलबे के नीचे काफी शव दबे हो सकते हैं। आलम यह है कि युद्ध प्रभावित क्षेत्र में सैंकड़ों लोग नंगे हाथों से या फावड़े की मदद से मलबे को हटा रहे हैं। मलबे के नीचे काफी शवों के दबे होने की आशंका है।
इजरायल-गाजा युद्ध में मारे गए फलिस्तीनी नागरिकों के परिजन अपनों की तलाश में मलबे को खुद ही हटा रहे हैं। कुछ ऐसे माता-पिता भी हैं जो अपने बच्चों के शवों की तलाश कर रहे हैं। वह खुद ही नंगे हाथों से मलबे को हटाकर शवों को ढूंढ रहे हैं। मलबे के नीचे से कई शव तो ऐसे निकल रहे हैं जो बुरी तरह सड़ चुके हैं।
हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध में पांच सप्ताह से अधिक समय हो गया है। गाजा की अधिकांश सड़कें अब कब्रिस्तान जैसी हो गई हैं। गाजा में अधिकारियों का कहना है कि उनके पास जीवित लोगों की ठीक से खोज करने के लिए उपकरण, जनशक्ति या ईंधन नहीं है। मृतकों की तो बात ही छोड़ दें।
अधिकारियों ने कहा कि गाजा युद्ध में आम फलिस्तीनी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। हजारों लोग ऐसे हैं जो लापता हैं और अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। युद्ध में लापता हुए परिवार के एक सदस्य ने कहा कि उन्होंने और उनके पड़ोसियों ने मध्य गाजा में चार मंजिला इमारतों के खंडहरों की खोज में कई सप्ताह बिताए हैं। घरों में पैंतालीस लोग रहते थे, जिसमें 32 लोग मारे गए। हमले के बाद पहले दिन में 27 शव बरामद किये गये थे। उन्होंने कहा कि अभी भी पांच लोग उनके परिवार के लापता हैं।
पत्रकारिता कर रहे एक 23 वर्षीय छात्र ने कहा, “स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। बदबू असहनीय होती जा रही है। हम लोग यहां रुक नहीं सकते हैं। इससे पहले कि उनके शव हमेशा के लिए मलबे के नीचे सड़ जाए, हम बस उन्हें ढूंढना और दफनाना चाहते हैं।”
हमास द्वारा संचालित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हमलों में 11,200 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के कार्यालय का अनुमान है कि 1,500 बच्चों सहित लगभग 2,700 लोग लापता हैं और माना जाता है कि वे खंडहरों में दबे हुए हैं।
युद्ध में लापता लोगों ने गाजा के उन परिवारों के लिए दर्द बढ़ा दी हैं, जो बहुसंख्यक मुस्लिम हैं। इस्लाम कहता है कि मृतकों को जल्दी से दफनाया जाना चाहिए। यदि संभव हो तो 24 घंटों के भीतर कफन में ढ़के शवों को पवित्र शहर मक्का की ओर कर दिया जाए। परंपरागत रूप से परिवार के सदस्यों द्वारा शरीर को साबुन और सुगंधित पानी से धोया जाता है और कब्रगाह पर क्षमा के लिए प्रार्थना की जाती है।
The post गाजा में धराशायी इमारतों के नीचे दबे शव,जाने पूरा मामला appeared first on CG News | Chhattisgarh News.