रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में पीआरए ग्रूप के व्यापारी की गाड़ी पर हमला करवाने वाले गैंगस्टर अमन साहू के हौसले कम नहीं हो रहे हैं. अमन साहू गिरोह, लगातार सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बनाए हुए है.
अब इस गिरोह ने सोशल मीडिया पर हथियारों के जखीरे के साथ एक वीडियो पोस्ट किया है. अमन साहू के नाम से फेसबुक अकाउंट पर बजाप्ता गैंगस्टर के तौर पर परिचय भी दिया गया है.
फेसबुक पर इस वीडियो के साथ ही एक संदेश भी पोस्ट किया गया है- “क्या तुम मुझे भूल गये… कैसे??? हो आप सभी…. मैं पुलिस प्रशासन का बहुत सम्मान करता हूं…लेकिन जब मेरे दोस्तों और परिवार की बात आती है, तो मैं या मेरे लोग निश्चित रूप से नाराज होंगे…. अमन साहू गैंग सिर्फ गैंग नहीं, एक सोच है… जहाँ तक मुझे पता चला कि मेरे साथी बहुत नाराज़ हो रहे हैं… पुलिस प्रशासन से अनुरोध है कि जेल के अंदर या बाहर मेरे साथियों का ख्याल रखें…. -उसको शांति मिले, (अमन साहू गैंग)”
इससे पहले 16 अगस्त को इसी फेसबुक अकाउंट पर प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई थी.
राजनीतिक दल के नेताओं की तरह जन्माष्टमी, मत्स्य किसान दिवस, साइकिल दिवस, रथयात्रा जैसी तारीख़ों में अमन साहू की तस्वीरों के साथ शुभकामनाएं भी लगातार पोस्ट की गई हैं.
इन संदेशों पर अमन साहू के समर्थक वाली मुद्रा में, कई लोगों के कमेंट्स भी हैं.
झारखंड में रंगदारी टैक्स वसूलने के लिए ए के 47 के साथ चलने वाला, बेहद पतला-दुबला, 12वीं पास, मोबाइल दुकान चलाने वाला अमन साहू 17 साल की उम्र में ही रंगदारी वसूलने लगा था. उसके ख़िलाफ़ 50 से अधिक मामले दर्ज हैं.
अमन साहू को 2019 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 29 सितंबर 2019 को वह हिरासत से फरार हो गया. लगभग तीन साल बाद, पुलिस ने उसे जुलाई 2022 में दोबारा गिरफ्तार किया. तब से वह जेल में है.
गैंगस्टर अमन साहू को जुलाई में गिरिडीह से चाईबासा जेल शिफ़्ट किया गया है. उसके कुछ गुर्गों को जुलाई में गिरिडीह की जेल अधीक्षक हिमानी प्रिया पर हमले की साजिश रचने के आरोप में पकड़ा गया था.
27 साल के अमन साहू को पिछले ढ़ाई सालों में 9 बार अलग-अलग जेलों में शिफ़्ट किया जा चुका है.
राजस्थान के अनूपगढ़ जिले की नई मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़साना के रहने वाले सुनील कुमार मीणा ऊर्फ मयंक सिंह के बारे में कहा जाता है कि अमन साहू के लिए फ़ोन कर के वसूली का कारोबार वही चलाता रहा है.
उसने पिछले महीने जारी एक विज्ञप्ति में कहा था कि अमन साहू सिर्फ मेरे बॉस ही नहीं मेरे लिए भगवान से बढ़कर हैं.
मीडिया को भेजी अपनी विज्ञप्ति में उसने लिखा था कि गिरोह से मेरा पूर्व में रिश्ता बहुत अच्छा रहा था, यह बात सत्य है. पर मैं सूचित करना चाहता हूं कि अमन साहू और उनके गिरोह का सारा काम मैं देखता हूं.
एटीएस के कुछ अधिकारियों की मानें तो वह देश से बाहर रह कर यह धंधा कर रहा है, वहीं पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि वह देश के ही किसी हिस्से में छुपा हुआ हो सकता है.
हालांकि सुनील कुमार मीणा के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है. इसके अलावा सुनील की सपंत्ति की कुर्की की भी पुलिस तैयारी कर रही है.
सुनील मीणा ने राजस्थान के तत्कालीन मंत्री और कांग्रेस नेता गोविंद राम मेघवाल से रंगदारी मांगी थी, जिसके बाद वह चर्चा में आया था. इसके अलावा लॉरेंस विश्नोई के कहने पर उसने एक पेट्रोल पंप संचालक से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी. रंगदारी नहीं मिलने पर संचालक पर फायरिंग हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने सुनील मीना के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरु की थी.
कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग, दोनों के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी सुनील मीणा है.
सोशल मीडिया और ईमेल के सहारे इन दोनों ही गैंग के दबदबे को बनाए रखने का जिम्मा भी सुनील पर ही है.
मयंक सिंह और अमन साहू के नाम से बनाए गए प्रोफाइल पर छत्तीसगढ़ और झारखंड के अख़बारों की दर्जनों कतरने पोस्ट की गई हैं, जिनमें इस गैंग के कारनामों का उल्लेख है.
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