रायपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के मशहूर रंग निर्देशक और आकाशवाणी में वरिष्ठ उद्घोषक रहे मिर्जा मसूद का निधन हो गया. वे 82 वर्ष के थे.
गुरुवार रात 3 बजे इंदौर में उन्होंने अंतिम सांस ली. वे अपने परिवार के साथ इंदौर में रह रहे थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
उनके निधन की खबर से कला और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर फैल गई है. उन्होंने आकाशवाणी में उद्घोषक के रूप में अपना लम्बा करियर बिताया और रंगमंच के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित किया था.
मिर्जा मसूद का जन्म 3 अप्रैल 1942 को हुआ था. उन्होंने 80 से अधिक नाटक लिखे और उनका निर्देशन किया.
उन्होंने कई मौकों पर हाकी मैच की कमेन्ट्री भी की.
जहाज फूट गया, जंगीराम की हवेली, जुलूश, बकरी, जांच-पड़ताल, कालिगुल्ला, कैंप, सब रंग मोह भंग, अंधा युग, अंधों का हाथी, बकरी, लोक कथा 78, गोदान, एक और दुर्घटना जैसे कई नाटक उनके निर्देशन में खेले गए.
मिर्जा मसूद को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चक्रधर सम्मान, चिन्हारी सम्मान सहित दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की ओर से भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया था.
बताया जा रहा है कि सड़क मार्ग से उनका पार्थिव शरीर 19 जुलाई को उनके रायपुर निवास राजातालाब लाया जाएगा और 20 जुलाई को सुबह 10 बजे मौदहापारा कब्रिस्तान में उनका अंतिम संस्कार होगा.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मिर्ज़ा मसूद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि मिर्ज़ा मसूद ने अपना पूरा जीवन रंगमंच को समर्पित कर दिया. उनका निधन कला जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति है.
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने शोक संदेश में कहा कि ‘मिर्ज़ा मसूद की करिश्माई आवाज़ और अंदाज उन्हें अद्वितीय बनाते थे. उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हिंदी ब्रॉडकास्ट कमेंटेटर के रूप में भी अपनी विशेष पहचान बनाई. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2019 में उन्हें चक्रधर सम्मान से नवाज़ा गया था.’ मिर्ज़ा मसूद जी के कला और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा.
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