रायपुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ में मानसून की विदाई को अभी 8 दिन का समय बाकी है, लेकिन जाते-जाते मानसून एक बार फिर प्रदेश को तर-बतर करने वाला है. रविवार को भी राज्य के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई.
मौसम विभाग ने 23 सितंबर से अगले पांच दिनों तक प्रदेश में मानसून की गतिविधि बढ़ने की संभावना जताई है.
इस दौरान रायपुर, दुर्ग और कांकेर संभाग में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्य बारिश होने की संभावना है. साथ ही बस्तर संभाग के कई जिलों के लिए भारी बारिश का यलो अलर्ट भी जारी किया है.
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून का सीजन 30 सितंबर तक है. उसके बाद मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी.
परिस्थितियां भी इसके अनुकूल बन रही हैं. हालांकि एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के उपर 23 सितंबर को बनने की संभावना है.
इसकी वजह से प्रदेश के मध्य व दक्षिणी हिस्से में गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं.
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मानसून की गतिविधियों में कमी आई है. तेज गर्मी और उमस से लोग परेशान हैं.
शनिवार को देर रात को मौसम अचानक से बदला और प्रदेश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुई.
दूसरे दिन सुबह से फिर तेज धूप निकल आई है, जिस वजह से एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है. लेकिन प्रदेश के कई हिस्सों में दोपहर बाद मौसम ने फिर करवट ली और झमाझम बारिश हुई.
कबीरधाम ज़िले के कई हिस्सों में ज़ोरदार बारिश हुई है. इसके अलावा रायपुर और बिलासपुर संभाग में भी बारिश की ख़बरें हैं.
मौसम विभाग ने प्रदेश में मानसून की सक्रियता बढ़ने के साथ ही अलर्ट भी जारी किया है.
मौसम विभाग ने प्रदेश के बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले के लिए 23 सितंबर को यलो अलर्ट जारी किया है.
इसी प्रकार 24 सितंबर के लिए बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर और नारायणपुर और 25 सितंबर को बालोद, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर और नारायणपुर के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून की विदाई को हवा की दिशा से समझ सकते हैं.
मानसून जब शुरू होता है तब हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिम हो जाती है. हवा अरब सागर की ओर से होकर पूरे देश में बहती है.
इसलिए इसे दक्षिण-पश्चिम मानसून कहते हैं.
वहीं मानसून की विदाई से समय हवा का रूख फिर बदलता है.
इस दौरान हवा दक्षिण-पश्चिम से बदलकर उत्तर-पूर्व हो जाती है. हवा उत्तर से पूर्व की ओर बहती है.
राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक एक जून 2024 से 22 सितंबर सुबह तक राज्य में 1099.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है.
इस दौरान बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2314.3 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 570.3 मिमी औसत बारिश हुई है.
इसी तरह सरगुजा जिले में 591.3 मिमी, सूरजपुर में 1082.9 मिमी, बलरामपुर में 1627.8 मिमी, जशपुर में 940.2 मिमी, कोरिया में 1065.8 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1054.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है.
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 914.0 मिमी, बलौदाबाजार में 1137.6 मिमी, गरियाबंद में 1024.2 मिमी, महासमुंद में 864.2 मिमी, धमतरी में 979.9 मिमी, बिलासपुर में 945.1 मिमी, मुंगेली में 1054.8 मिमी, रायगढ़ में 992.6 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 632.6 मिमी, जांजगीर-चांपा में 1146.0 मिमी, सक्ती 976.1 मिमी, कोरबा में 1333.9 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1134.9 मिमी, दुर्ग में 631.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 854.1 मिमी, राजनांदगांव में 1090.5 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1198.3 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 819.4 मिमी, बालोद में 1136.3 मिमी, बस्तर में 1225.7 मिमी, कोण्डागांव में 1116.5 मिमी, कांकेर में 1363.1 मिमी, नारायणपुर में 1343.3 मिमी, दंतेवाड़ा में 1477.0 मिमी और सुकमा जिले में 1636.8 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई.
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