साल में चार बार नवरात्रि आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन। इनमें से माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि कल यानी 19 जून से शुरू हो रही है। इसमें मुख्य 10 महाविद्याओं की पूजा गुप्त रूप से की जाती है। गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ शुरू होकर और 28 जून को समाप्त होंगी।
गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।
– नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। पूरे 9 दिनों तक महाविद्याओं को पीले फूल अर्पित करें। ऐसा करने से महाविद्याओं का आशीर्वाद आप पर और आपके परिवार पर बना रहेगा।
– माता रानी के मंदिर में कपूरी पान के पत्ते पर केसर, चंदन और गाय का घी लगाकर स्वास्तिक बनाएं और इस पर कलावा बांधकर एक सुपारी रख दें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होगी।
– 9 दिनों तक घर में लौंग और कपूर के साथ आरती करें। इससे घर की नकारात्मकता और बुरी शक्तियां दूर होंगी। साथ ही इस उपाय को करने से घर में खुशियों का आगमन होता है।
– अगर आप 9 दिन तक 10 महाविद्याओं को सिंदूर अर्पित करते हैं तो इससे कर्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है। ऐसा करने से आर्थिक समस्या से भी निजात मिलती है।
– अटका हुआ वापिस पाने के लिए पूजा के स्थान को पहले साफ कर लें। फिर उस जगह पर घी का दीपक जलाएं। उसके सामने एक कपूरी पान के पत्ते पर 5 लौंग, कपूर, इलायची और कुछ मीठा रख दें और महाविद्याओं की आराधना करें। इससे धन के योग बनने लगते हैं।
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