बिलासपुर—जिला पंचायत का वर्तमान कार्यकाल खत्म होने में अब कुछ महीना ही रह गया है। अंतिम समान्य सभा की बैठक का आयोजन बुधवार 20 नवम्बर को बिना कोरम के शुरू हुआ। यद्यपि बाद में कोरम भी पुरा हो गया। लेकिन जीपीएम जिला के पांच प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। पांच प्रतिनिधियों का बैठक में शामिल नहीं होने की वजह जिला पंचायत अधिकारियों की बेरूखी को बताया जा रहा है। सबसे बड़ी बात इस बार बैठक में सीईओ ने बिना सोचे समझे पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दिया। मजेदार बात है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी प्रतिकार नहीं करते हुए सुर में सुर मिलाया। बैठक में शामिल कुछ प्रतिनिधियों ने बताया कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए पत्रकारों को बैठक में प्रवेश नहीं दिया गया है। जबकि लोकसभा से विधानसभा तक पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध नहीं है।
बिना कोरम पूरा हुए जिला पंचायत की बैठक शुरू हुई। लेकिन सभा के बीच में कोरम की खानापूर्ति पूरी हो गयी। ठीक चुनाव के पहले वर्तमान पंचवर्षीय जिला पंचायत की अंतिम बैठक नाम के अनुरूप सामान्य ही रही। बैठक में मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि सीईओ के फरमान में जिला पंचायत अध्यक्ष ने मीडिया को प्रवेश नहीं दिये जाने के सुर में सुर मिलाया है। बैठक में चर्चित प्रतिनिधियों ने पालन प्रतिवेदन पेश नहीं किये जाने पर अधिकारियों पर गुस्सा भी उतारा है।
मीडिया प्रवेश पर प्रतिबंध
जिला पंचायत सदस्यों ने बताया कि मीडिया वालों को जानबूझकर प्रवेश नहीं दिया गया। सीईओ संदीप अग्रवाल को मीडिया पसंद नहीं है। उन्होने दो टूक कहा कि बैठक से मीडिया को दूर रखा जाए। अन्दर की बात बाहर जाना ठीक नहीं है। इस बात को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी सीईओ के सुर में सुर मिलाया। लेकिन कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया। सदस्यों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले पांच साल के कार्यकाल में मीडिया को प्रवेश दिया जाता रहा है। प्रवेश पर रोक लगाना ठीक नहीं है। लोकसभा विधानसभा में भी मीडिया को प्रवेश दिया जाता है। बहरहाल इस घटना से मीडिया ने भी जिला पंचायत का बहिष्कार करने का मन बना लिया है।
नल,जल और सड़क का छाया मुद्दा
बैठक में जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने पालन प्रतिवेदन पेश नहीं किये जाने पर अधिकारियों पर जमकर नाराजगी जाहिर किया। अंकित ने कहा कि पिछली सभा में पीएचई से पौंसरा, बैमा नगोई में ठप हैंड पम्पो को मरम्मत के लिए कहा गया था। आज तक काम नहीं हुआ। अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे है। लोग यहां वहां से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। मामले में सीईओ संदीप अग्रवाल ने तत्काल ठीक कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान गौरहा ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर भी गुस्सा जाहिर किया। उन्होने बताया कि सेन्दरी मोपका बायपास सड़क मरम्मत के लिए कई बार बोला गया। लेकिन अधिकारी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। एक बार फिर सीईओ संदीप अग्रवाल ने बचाव करते हुए कहा कि दस दिनों के भीतर सभी समस्याओं को दूर किए जाने की बात कही। एसडीओ को नोटिस भी जारी किया।
जीपीएम के नेता नदारद
बैठक में जीपीएम के सभी पांचों नेता नजर नहीं आये। मामले में एक प्रतिनिधि ने फोन पर बताया कि बैठक में कुछ सुना जाता नहीं है। अधिकारी समस्याओं को एक कान से सुनकर .दूसरे कान से निकाल देते हैं। पूर्व सीईओ ने एक भी शिकायत का निदान नहीं किया। ऐसी सूरत में हम अंतिम बैठक में आते भी तो क्या कर लेते। समय बरबादी के अलावा कुछ हासिल नहीं होता। इसलिए बैठक में शामिल होने से अच्छा मैदान में काम करना उचित समझा है।
धान फसल को नहीं देंगे पानी
चर्चा के दौरान जल संसाधन विभाग के अधिकारी चन्द्रा ने बताया कि सरकार ने इस बार धान फसल को पानी देने का एलान किया है। शासन के आदेश का पालन किया जा रहा है। इस बात को लेकर सदस्यों ने नाराजगी जाहिर किया। कोल प्लान्ट को पानी बेचने का भी मुद्दा बैठक में छाया रहा।
जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस
सवाल जवाब के दौरान सदस्यों ने जिला शिक्षा विभाग अधिकारी को तलब किया। लेकिन विभाग से डीईओ की उपस्थिति तो दूर..एक भी सदस्य नहीं दिखाई दिया। नाराज जिला पंचायत अध्यक्ष ने जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी करने का फरमान सुनाया।
स्वास्थ्य विभाग की भी खिंचाई
बैठक के दौरान क्लिनिक खोलकर डॉक्टरी कार्य करने वाले कोटा कम्पाउंडर का मुद्दा भी उठा। सदस्यों की मांग पर जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने सीएमएचओ से जवाब तलब किया। सीएचएमओ ने बताया कि शिकायत के बाद कम्पाउंडर को नोटिस जारी किया गया है। सदस्यों ने सीएससी और पीएससी की बदहाली का भी मुद्दा उठाया। सीएमएचओ ने अस्पताल भवन के नए निर्माण और कायाकल्प का हवाला देकर जल्द ही समुचित चिकित्सा व्यवस्था मुहैय्या कराने का आश्वासन दिया।