रायपुर/रांची। झारखंड में सियासी संकट के बीच राजभवन से एक बड़ी जानकारी सामने आई है। राज्यपाल रमेश बैस ने यूपीए के प्रतिनिधिमंडल से कहा है कि वे कानूनी सलाह लेकर एक-दो दिनों में सीएम हेमंत सोरेन के संबंध में स्थिति स्पष्ट कर देंगे। प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया में आ रही खबरों का हवाला देकर सोरेन के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया था। राज्यपाल ने उन्हें बताया कि चुनाव आयोग से उन्हें चिट्ठी मिली है। एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।
रांची से ही दूसरी खबर यह है कि सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है। इसमें सोरेन सरकार अपना विश्वास मत प्रस्तुत कर सकती है। इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मंजूरी दी गई है।
तीसरी खबर रायपुर से है। यहां मेफेयर रिसॉर्ट में रुके कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि झारखंड में 50 से अधिक विधायक सरकार के साथ हैं। इसके बाद भी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है, जो शर्मनाक है।
एक बार ठाकरे जी से पूछ लीजिए…
मेफेयर रिसॉर्ट के बाहर झारखंड की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय से जब मीडिया ने सवाल किया कि झारखंड के विधायकों को यहां (छत्तीसगढ़ में) रुकने की जरूरत क्यों आई? इसके जवाब में पांडेय ने कहा कि एक बार ठाकरे जी (महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे) से पूछ लीजिए कि किस तरह ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर परिस्थितियां बनाई जाती हैं। पांडेय ने मीडिया से ही पूछा कि यह सवाल असम के समय क्यों नहीं हुआ जब महाराष्ट्र के लोगों का तमाशा बनाया जा रहा था। हम लोग तो अपनी प्राइवेसी में अपने खर्चे पर रहने वाले विधायक हैं। हमें किसी से किसी तरह के पैसे खर्च कराने की जरूरत नहीं है, लेकिन आज यह परिस्थिति ही क्यों आई। उन्होंने कहा कि झारखंड में कैबिनेट ने ऐसे फैसले लिए हैं कि वहां उल्लास का माहौल है। हम उनकी खुशियों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। हम उनकी तकलीफ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। मीडिया से चर्चा के दौरान विधायक दीपिका पांडेय के अलावा विधायक सुदिव्य सोनू, स्टीफन मरांडी के साथ झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी थे।