टीआरपी डेस्क। झारखंड सरकार ने राज्य में छत्तीसगढ़ की शराब नीति के फ्लॉप होने के बाद बड़ा कदम उठाया है। राज्य में खुदरा शराब बेचने वाली छत्तीसगढ़ की चार प्लेसमेंट एजेंसियों की बैंक गारंटी जब्त कर ली है।
झारखंड में छत्तीसगढ़ की सुमित फैसिलिटीज, ए टू-जेड इंफ्रास्ट्रक्चर, इगल हंटर सॉल्यूशन लिमिटेड व प्राइम वन कंपनियों को शराब बेचने की जिम्मेदारी दी गई थी। मगर शर्त के अनुरूप शराब नहीं बेच पाने के कारण 44 करोड़ की बैंक गारंटी की राशि जब्त कर ली गयी है। साथ ही बाजार में थोक शराब उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दो कंपनी को दी गई थी। इनकी भी 36 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली गयी है।
बता दें कि प्रदेश में शराब बेचकर सरकारी खजाने को भरने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को 2022-23 में दी गई थी। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को बतौर कंसल्टेंट नियुक्त करते हुए एक करोड़ रुपए की फीस भी तय की गई थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 में नयी उत्पाद नीति के तहत राज्य में चार प्लेसमेंट एजेंसियों को शराब बेचने की जिम्मेदारी दी गयी थी। नयी उत्पाद नीति के 2500 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
मगर नई उत्पाद नीति के तहत एक अप्रैल की जगह एक मई से शराब की बिक्री शुरू हुई। जिसके कारण राजस्व का लक्ष्य 2500 से घटाकर 2310 करोड़ दिया गया। मगर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2054 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें 1719 करोड़ का राजस्व शराब बेच कर मिला है। शेष 335 करोड़ रुपये बैंक गारंटी जब्ती, बार लाइसेंस, लेबल रजिस्ट्रेशन और जेएसबीसीएल द्वारा जमा किये गये हैं।
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