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टिकट वितरण के बाद भाजपा में असंतोष..बोले,, पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे…लोगों समझ गए..जुमला ही गारंटी…कहा…पार्टी बदलने से पहले चर्चा जरूरी

बिलासपुर— पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे। उन्होने बताया कि लोग अब कांग्रेस सरकार की योजनाओं को याद करने लगे है। उन्हें समझ में आने भी लगा है कि जुमला ही गारंटी है। सरकार ने सिर्फ तीन महीने में कर्ज का बोझ बढ़ा दिया है। टिकट एलान के बाद भाजपा नेताओं का असंतोष सामने आने लगा है। कांग्रेस पार्टी के नेता भाजपा में प्रवेश के सवाल पर रविन्द्र चौबे ने कहा कि पार्टी छोड़ने से पहले एक बार जरूर चर्चा करना चाहिेए था। लेकिन चुनाव के समय लोगों का आना जाना होता रहता है। इस बार पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में पार्टी की स्थिति अच्छी है।

बिलासपुर अल्प प्रवास पर पहुंचे रविन्द्र चौबे ने पत्रकारों से संवाद किया। बातचीत के दौरान रविन्द्र चौबे ने बताया कि तीन महीनों के अन्दर ही भाजपा सरकार जनता का विश्वास खोने लगी है। लोगों को अब समझ भी आ गया है कि जुमला और गारंटी में ज्यादा फर्क नहीं है। लोग कांग्रेस सरकार की पुरानी योजनाओं को याद करने लगे हैं।

 चौबे ने बताया कि टिकट वितरण के बाद भाजपा नेताओं का असंतोष सामने आने लगा है। लोग टिकट को लेकर खासा नाराज है। उन्होने बताया कि स्कीिनिंग कमेटी की बैठक के बाद हाईकमान कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम एलान करेगा। चौबे ने बताया कि टिकट वितरण के समय वरिष्ठ और युवाओं का ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश के कमोबेश सभी लोकसभा क्षेत्र में दस से अधिक आवेदन आए हैं।

चौबे ने एक सवाल पर जवाब दिया कि राहुल की न्याय यात्रा चल रहा है।  आम जनता पिछली सरकार को अभी से याद करने लगी है। इस बार लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है।

पार्टी छोड़ने के सवाल पर रविन्द्र चौबे ने कहा कि चुनाव के समय ऐसा होता है। लेकिन अच्छा होता कि पार्टी छोड़ने से पहले कम से कम वरिष्ठ नेताओं से तो संवाद कर लेते..तो अच्छा होता। उन्होने कहा कि सिर्फ तीन महीने में ही सरकार ने कर्ज का बोझ बढ़ा दिया है। महतारी वंदन योजना समेत अन्य योजनाओं को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं है।

चौबे ने बताया कि जब जब चुनाव नजदीक आता है..भाजपा की उकसाने वाली धार्मिक राजनीति शुरू हो जाती है। विकास का सारा मुद्दा गायब हो जाता है। जाहिर सी बात है कि जब विकास ही नहीं हुआ है तो भाजपा के लोग किस मुंह से वोट मांगेगे।

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